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नौ साल पहले रखी थी गेसूपुर चौकी की नींव, बिना बजट नहीं बना भवन

प्रदेश सरकार ने जहां नए थानों बनाने बजट जारी किया है, वहीं सिकंदराबाद में नौ वर्ष बाद भी गेसूपुर चौकी को भवन नहीं मिल सका है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 11:29 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 11:29 PM (IST)
नौ साल पहले रखी थी गेसूपुर चौकी की नींव, बिना बजट नहीं बना भवन
नौ साल पहले रखी थी गेसूपुर चौकी की नींव, बिना बजट नहीं बना भवन

संवाद सहयोगी, सिकंदराबाद

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प्रदेश सरकार ने जहां नए थानों बनाने बजट जारी किया है, वहीं सिकंदराबाद में नौ वर्ष बाद भी गेसूपुर चौकी को भवन नहीं मिल सका है। जबकि ग्राम पंचायत ने जमीन दी, अधिकारियों ने नींव रखी, लेकिन निर्माण आज तक नहीं हुआ। इस ओर अधिकारी केवल सूचना मांगने पर निर्माण के लिए लखनऊ रिमाइंडर भेजने का आश्वासन देते हैं।

गेसूपुर गांव में तनिक भी कोई वारदात होती है तो स्थानीय पुलिस नहीं बल्कि जिला पुलिस की सांसे फूल जाती है। जिसके पीछे गांव गेसूपुर सिकंदराबाद का सबसे अतिसंवदेनशील गांव होना है। ब्लाक में सबसे बड़ा गांव होने के साथ गौतमबुद्धनगर व हापुड़ जनपद की सीमा से लगा हुआ है। यह गांव को उस समय सुर्खियों में आया था, जब वर्ष 2001-02 में चल रही रंजिशन के तहत गांव के नहर पुल पर ग्रामीण जगपाल की हत्या के बाद दूसरे पक्ष ने मौजूदा प्रधान के परिवार पर हमला कर दिया था, जब तक बारह किमी दूर सिकंदराबाद कोतवाली पुलिस पहुंची, तब तक महिला, दो मासूमों की निर्मम हत्या हो चुकी थी। जिसके बाद गांव को संवदेनशील घोषित हुआ। गांव में तभी चौकी स्थापना की मांग शुरू हो गई थी। वर्ष 2008-09 में गांव में फिर से सांप्रदायिक बवाल हुआ। एक पक्ष कल्लू की हत्या के बाद दूसरे समुदाय रामपाल, उसकी पत्नी व बेटे का घर से अपहरण कर निर्मम हत्या की गई। तत्कालीन ग्राम प्रधान तरुण अग्रवाल के साथ ग्रामीणों की मांग पर रिपोर्टिंग चौकी बनाने का पुलिस अफसरों ने निर्णय लिया था। तत्काल नई चौकी का सृजन किया गया और गांव में एक दरोगा और चार पुलिस कर्मियों की तैनाती करते हुए चौकी की सीमा तय की गई। ग्राम पंचायत गेसूपुर से आनन फानन द्वारा दो बीघा जमीन का प्रस्ताव बनाकर पुलिस महकमे के नाम जमीन की गई। वर्ष 11 अगस्त 2011 को तत्कालीन डीआइजी राजीव कृष्ण व एसएसपी आरकेएस राठौर ने विधिवत निर्माण के लिए नींव रखी और शीघ्र चौकी निर्माण होने से पुलिस बल की पर्याप्त व्यवस्था का आश्वासन दिया था। चौकी के निर्माण के लिए लगातार प्रयासरत पूर्व प्रधान तरूण अग्रवाल ने बताया कि वे बुलंदशहर पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ लखनऊ भवन कल्याण तक चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन 9 वर्ष से चौकी का निर्माण नहीं हो सका है।

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बार-बार शिफ्ट हो रही चौकी

चौकी बनने के बाद भवन न होने पर पुलिस कर्मियों के ठहरने व बैठने के लिए गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में कमरा आवंटित किया गया। जहां करीब आठ वर्ष चौकी संचालित हुई। अब चौकी मुख्य मार्ग स्थित खाली पड़े राजीव गांधी सेवा केन्द्र में संचालित हो रही है। जबकि चौकी के जिम्मे गांव गेसूपुर नहीं लक्ष्मणगढ़ी, लाठौर, मुदराबाद, भराना, मोलाबाद, गांव से गुजरने वाली तीन नहर की दो जनपदों को जोड़ने वाली संवदेशनशील पटरी शामिल है।

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चौकी निर्माण के लिए बजट के लिए प्रक्रिया चल रही है। बजट मिलने के बाद निर्माण कराया जाएगा। यह प्रक्रिया जिला स्तर से चल रही है।

विक्रम ¨सह सीओ, सिकंदराबाद


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