आय बढ़ाना तो दूर, कर भी वसूल नहीं पा रही नगरपालिका
जेएनएन बुलंदशहर नगरपालिका भगवान भरोसे चल रही है। यहां अफसरों को आय के साधनों के स्त्रोत के बारे में ही जानकारी नहीं हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर नपा की आमदनी क्यों नहीं बढ़ पा रही है। गृह व जल कर वसूली भी ठीक प्रकार से नहीं कर पा रहा है।
जेएनएन, बुलंदशहर : नगरपालिका भगवान भरोसे चल रही है। यहां अफसरों को आय के साधनों के स्त्रोत के बारे में ही जानकारी नहीं हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर नपा की आमदनी क्यों नहीं बढ़ पा रही है। गृह व जल कर वसूली भी ठीक प्रकार से नहीं कर पा रहा है। नपा की आमदनी बढ़ाने को अफसर कतई गंभीर नहीं हैं। सात साल से व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से किराया भी नहीं मिल पा रहा है।
नगर पालिका की व्यस्था पटरी से पूरी तरह उतरी हुई पड़ी है। चाहे वो शहर का विकास हो या फिर नपा की आमदनी बढ़ाने की बात हो। नगर पालिका के जिम्मेदार अफसरों का गैर जिम्मेदार रवैया नपा की आय बढ़ाने में सबसे बड़ी परेशानी हैं। शहर में ऐसी कोई सड़क नहीं है गहरे-गहरे गड्ढे नहीं हो। अफसरों अपने कक्षों से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं हैं। गृह कर से लेकर जल कर की भी वसूली भी नपा ठीक तरह से नहीं कर पा रही है। वहीं सड़क पर कूड़ा फेंकने और जलाने पर जुर्माना का प्रावधान है लेकिन नपा द्वारा जुर्माना भी वसूल नहीं किया गया है। नपा अपने मुख्य निर्धारित स्त्रोत से ही आय नहीं कर पा रहीं तो अन्य स्त्रोत से आय करना दूर की बात है।
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नपा की टैक्स वसूली पर एक नजर
कर का नाम - मांग - वसूली - अवशेष
गृह कर - 2.18 करोड़ - 1.10 करोड़ - 1.08 करोड़
जल कर - 2.18 करोड़ - 1.08 करोड़ - 1.10 करोड़
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रेट रिवाइज से आय में ब्रेक
नगरपालिका छोटे-बड़ी मिला कर कुल 270 दुकान हैं। नपा जनवरी 2014 में सर्किल रेट के हिसाब से रेट रिवाइज किया था। रेट रिवाइज होने के बाद दुकानों का किराया ही आना बंद हो गया। रेट रिवाइज होने से पहले प्रतिष्ठानों का लगभग 67 हजार रुपये किराया के रूप में प्रति माह की आय थी। रेट रिवाइज होने के बाद किराया 6.75 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया। व्यापारियों ने किराया अधिक बता किराया देना ही बंद कर दिया।
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नपा में कर्मचारियों की किल्लत
नपा कर अधीक्षक दीपेश कुमार का कहना है कि नगरपालिका में 37 वार्ड में सिर्फ नौ टीसी, पांच बाबू तथा सिर्फ कारण कर्मचारियों की बेहद कमी है। जिससे वसूली प्रभावित हो रही है।
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पालतू पशु के लिए जारी नहीं किया एक भी लाइसेंस
नगर पालिका नियमावली के अनुसार पालतू पशु के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। जिसके लिए 10 रुपये शुल्क निर्धारित है। यह नियम काफी पुराना है, लेकिन आजतक नगर पालिका ने कुत्ता पालने पर एक भी लाइसेंस निर्गत नहीं किया है। पालतु पशुओं द्वारा गंदगी फैलाने पर 500 रुपये का जुर्माना है।
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वाहन पार्किंग स्टैंड भी सपना
शहर में नगरपालिका ने ई-रिक्शा वाहन पार्किंग का टेंडर छोड़ा था लेकिन अफसरों ने उस रद्द कर दिया। शहर में कई अवैध पार्किंग हैं। यदि पालिका पार्किंग की तरफ ध्यान दे तो लगभग 10 से 20 हजार रुपये की आय हो सकती है।
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इन्होंने कहा..
कर्मचारियों की कमी हैं। इसलिए हाउस व जल कर की वसूली कम हो रही हैं। प्रतिष्ठानों के रेट रिवाइज होने के कारण दुकानों का किराया भी सात साल से नहीं आ पा रहा है। नपा की आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- मनोज कुमार रस्तोगी, ईओ नगरपालिका