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हाजी अलीम हत्‍याकांड : CBCID सच्ची या पुलिस झूठी? ये उठ रहे सवाल Bulandshahar News

हाजी अलीम हत्‍याकांड सीबीसीआइडी दावा कर रही है कि अनस के इशारे पर हत्या हुई थी लेकिन इस राजफाश के बाद सीबीसीआइडी की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 02:29 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 02:29 PM (IST)
हाजी अलीम हत्‍याकांड : CBCID सच्ची या पुलिस झूठी? ये उठ रहे सवाल Bulandshahar News
हाजी अलीम हत्‍याकांड : CBCID सच्ची या पुलिस झूठी? ये उठ रहे सवाल Bulandshahar News

बुलंदशहर, जेएनएन। सीबीसीआइडी ने बहुचर्चित पूर्व विधायक हाजी अलीम की संदिग्ध मौत पर हत्या की मोहर लगा दी है। सीबीसीआइडी दावा कर रही है कि अनस के इशारे पर हत्या हुई थी, लेकिन इस राजफाश के बाद सीबीसीआइडी की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि सीबीसीआइडी ने अपनी जांच में एफएसएल, बैलेस्टिक व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को शामिल नहीं किया है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या सीबीसीआइडी की नजर में उक्त तीनों रिपोर्ट कोई मायने नहीं रखती है? सीबीसीआइडी जिन 42 आडियो व अन्य साक्ष्यों को हत्या का आधार मान रही है, क्या वह एफएसएल, बैलेस्टिक व पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ज्यादा विश्वसनीय हैं?

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इन तथ्यों के आधार पर पुलिस ने लगाई थी एफआर

पुलिस ने एफएसएल, बैलेस्टिक व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आत्महत्या मानकर एफआर लगाई थी।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट में साफ था कि हाजी अलीम के हाथों में गन पाउडर लगा हुआ था। बैलेस्टिक रिपोर्ट में बताया गया था कि दूसरी गोली झटके से पिस्टल नीचे गिरने से चली थी। तत्कालीन नगर कोतवाली इंस्पेक्टर धनंजय मिश्र के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ब्लैकनिंग आई थी, जिससे साबित होता है कि सात से 90 सेंटीमीटर की दूरी से गोली लगी थी। यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मजललैंड आता तो गोली सटाकर मारी जाती और घाव पर पिस्टल की नाल का निशान होता। एफआर में पोस्टमार्टम, एफएसएल व बैलेस्टिक रिपोर्ट को आधार बनाया गया था।

क्यों नहीं लिए गए फिंगर प्रिंट

जिस पिस्टल की गोली लगने से हाजी अलीम की मौत हुई थी। उस समय पुलिस ने पिस्टल से फिंगर प्रिंट नहीं लिए थे। उस समय इंस्पेक्टर धनंजय मिश्र का कहना है कि जिस समय वह मौके पर पहुंचे थे तो लोगों ने पिस्टल को वहां से हटा दिया था।

यह था मामला, यह हुआ राजफाश

10 अक्टूबर 2018 को हाली अलीम की गोली लगने से संदिग्ध मौत हो गई। थी। हाजी अलीम के बेटे अनस के अनुरोध पर हाईकोर्ट के आदेश पर इस प्रकरण की सीबीसीआइडी जांच हुई। जांच में सीबीसीआइडी ने ही अनस को पिता का कातिल बताकर गिरफ्तार कर लिया।

...तो अलीम के शव से चलवाई गई थी दूसरी गोली

सीबीसीआइडी ने बेटे अनस को जेल भेजने के बाद आरोप पत्र भी तैयार कर दिया है। एसपी मोहिनी पाठक ने बताया कि चार्जशीट अभी कोर्ट में जमा नहीं की गई। क्योंकि सिपाही शारेब की गिरफ्तारी शेष है। इसके लिए डीजीपी से अनुमति मांगी गई है। बताया कि अनस, साजिद और शारेब के खिलाफ केस डायरी में पर्याप्त सबूत हैं। जिस पिस्टल से अलीम की हत्या हुई है, उस पर उनके ¨फगर प्रिंट नहीं मिले हैं। ऐसे में माना गया है कि अलीम की हत्या के बाद दूसरी गोली उसके शव से चलवाई गई है। इसका बारूद अलीम के हाथ में लग गया। अनस ने पूछताछ में यह भी बताया कि यह आइडिया उसने सोशल मीडिया से लिया था। ताकि फोरेंसिक रिपोर्ट आत्महत्या की तरफ इशारा कर सके। गायब चॉबी के एक गुच्छे को भी हत्या का आधार बनाया है। उसी चॉबी से कातिल अलीम तक पहुंचा था। हत्या के बाद गेट को भी उसी चॉबी से बंद किया था। गनर और चालक ही अलीम के कमरे में गए थे। ऑडियो रिकॉर्डिग, क्राइमसीन पर गए पुलिसकर्मियों के बयानों को भी केस डायरी का हिस्सा बनाया है। एसपी मोहिनी पाठक ने बताया कि अनस को 14 दिन के न्यायिक रिमांड लिया गया है। 


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