पाजिटिव होकर भी कोरोना वायरस की करते रहे मानिटरिग
कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने अपनों को भी बेगाना बना दिया था लेकिन एसीएमओ डा. रोहताश कुमार यादव ने आगे बढ़ कर जानलेवा कोरोना वायरस को मात देने के लिए कोविड-19 नोडल अधिकारी की कमान संभाल थी। मानिटरिग करते हुए वह कब कोरोना पाजिटिव हो गए लेकिन उन्होंने कमान को नहीं छोड़ी और नियमित मानिटरिग करते रहे।
जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने अपनों को भी बेगाना बना दिया था लेकिन एसीएमओ डा. रोहताश कुमार यादव ने आगे बढ़ कर जानलेवा कोरोना वायरस को मात देने के लिए कोविड-19 नोडल अधिकारी की कमान संभाल थी। मानिटरिग करते हुए वह कब कोरोना पाजिटिव हो गए लेकिन उन्होंने कमान को नहीं छोड़ी और नियमित मानिटरिग करते रहे।
जनपद में कोरोना का पहला केस मिलने के बाद जिले में हड़कंप मच गया था। इस खौफ भरे संकट के दौर से उबरने के लिए एसीएमओ डा. रोहताश कुमार यादव ने कोविड-19 नोडल अधिकारी की कमान संभाली और कोरोना वायरस की निगरानी में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ जुट गए। कोरोना की मानिटरिग करते-करते वह पाजिटिव हो गए इसका पता ही नहीं चल पाया। 18 अगस्त को वह कोरोना पाजिटिव हो गए। उन्होंने स्वयं को जिला अस्पताल के एक कक्ष में आइसोलेट कर लिया। इसके बाद भी हिम्मत और साहस के साथ वह जनपद की मानिटरिग पूरी निष्ठा और बुलंद इरादों के साथ निवर्हन करते रहे। वह कोरोना की मानिटरिग से लेकर वैक्सीनेशन की कमान संभालकर कोरोना के खिलाफ फौलादी इरादों के के साथ अभी जुट हुए हैं। परिवार नहीं ड्यूटी को माना सर्वोपरि
कोरोना का पहला केस जनपद में मिलने के बाद कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे डा. रोहताश कुमार यादव परिवार का त्याग कर दिया। वह जिले की मानिटरिग में ऐसे उलझे कि परिजनों से भी मुलाकात नहीं। परिजनों से ज्यादा उन्होंने ड्यूटी को वरीयता दी। सप्ताह में एक बार ही फोन पर बात की।
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मानिटरिग के साथ भरा साहस को जोश
डा. रोहताश कुमार यादव ने मानिटरिग के साथ-साथ लोगों को संक्रमण से बचाव के बारे में जागरूक करते रहे। जानलेवा वायरस की मानिटरिग के साथ-साथ लोगों में साहस का जोश भरते रहे।
इन्होंने कहा..
कोरोना वायरस के देश में बढ़ते आंकड़े हैरान करने वाले थे लेकिन कोरोना से जंग में दिमाग में डर को जगह नहीं दी। साहस और हौसलों के साथ कोरोना के खिलाफ जंग में जारी रखी। मानिटरिग से लेकर अब वैक्शीनेशन की निगरानी कर कोरोना के खात्मे की लड़ाई पूरी निष्ठा के साथ जारी हैं।
- डा. रोहताश कुमार यादव, कोविड-19 नोडल अधिकारी