Move to Jagran APP

खाली रहीं चिकित्सकों की कुर्सियां, मरीज बेहाल

मंगलवार की सुबह साढ़े आठ बजे मेले जैसी भीड़ पर्चा बनवाने और दवा लेने के लिए काउंटर पर लोगों के बीच आपाधापी कुछ कमरों में डाक्टरों और स्टाफ की कुर्सियां खाली। जो डाक्टर बैठे उनके कमरे में इतनी भीड़ की सांस लेना मुश्किल। ऐसा ही कुछ नजारा जिला अस्पताल में देखने को मिला।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 11:18 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 06:26 AM (IST)
खाली रहीं चिकित्सकों की कुर्सियां, मरीज बेहाल
खाली रहीं चिकित्सकों की कुर्सियां, मरीज बेहाल

बुलंदशहर, जेएनएन। मंगलवार की सुबह साढ़े आठ बजे मेले जैसी भीड़, पर्चा बनवाने और दवा लेने के लिए काउंटर पर लोगों के बीच आपाधापी, कुछ कमरों में डाक्टरों और स्टाफ की कुर्सियां खाली। जो डाक्टर बैठे उनके कमरे में इतनी भीड़ की सांस लेना मुश्किल। ऐसा ही कुछ नजारा जिला अस्पताल में देखने को मिला। डाक्टरों की कमी और वायरल के प्रकोप के चलते आलम ये है कि डाक्टर चेकअप करना दो दूर मरीज का चेहरा तक नहीं देख पा रहे हैं।

loksabha election banner

सोमवार को डीएम के आदेश पर एडीएम प्रशासन ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान 17 चिकित्सक और 34 कर्मचारी अनुपस्थिति मिले थे। निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों ने अपना पक्ष रखते हुए हंगामा भी किया। उधर, मंगलवार को बड़ी संख्या में मरीज सुबह-सवेरे ही अस्पताल पहुंचे, लेकिन अधिकांश डॉक्टर अपने कक्ष में नहीं आए। वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक थी। काफी देर बाद डॉक्टर अपने कक्ष में पहुंचे और मरीजों का उपचार शुरू हो सका। इस संबंध में सीएमओ डा. केएन तिवारी का कहना है कि चिकित्सकों की कमी और स्टाफ कम होने के कारण मरीज अधिक देखने पड़ते हैं। कई बार शासन को पत्र भेज चुके हैं।

डीएम के व्यवहार से चिकित्सकों के सम्मान को पहुंची ठेस

जासं, बुलंदशहर : जिला अस्पताल में निरीक्षण को लेकर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के सदस्यों ने बैठक कर रोष व्यक्त किया है। साथ ही प्रांतीय पदाकारियों को मामले से अवगत करते हुए पत्र भेजा है। संघ के अध्यक्ष डा. रोहताश कुमार यादव ने बताया कि सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ सेवा समिति की बैठक बुलाई गई थी। छह सितंबर और सात सितंबर को एसीएमओ डा. नरेश गोयल और जिला कुष्ठ अधिकारी और जिला मलेरिया अधिकारी को डीएम ने अपने कैंप कार्यालय पर बुलाया। आरोप है कि डीएम ने शाम को सात बजे से दस बजे तक अकारण ही बैठाए रखा। बिना वार्ता के डीएम ने उनको वापस भेज दिया। जब बिना वार्ता के वापस भेजने का कारण जानने के लिए डीएम से संपर्क किया गया तो डीएम ने सीडीओ से कहा कि पुलिस बुलवाकर इनको जेल में डलवा दो। अध्यक्ष का कहना है कि डीएम के व्यवहार से चिकित्सकों के सम्मान को ठेस पहुंची है। संघ के सदस्यों ने प्रांतीय कार्यकारिणी को इसके लिए पत्र भेजा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.