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जयंती पर विशेष : शिक्षा की अलख जगाने को महर्षि दयानंद ने दिया था संदेश Bulandshahr News

महर्षि दयानंद सरस्वती ने छोटी काशी यानी अनूपशहर में दो वर्ष तक रहकर अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाने के लिए काफी प्रयास किया था। आज भी उनकी सार्थकता बनी हुई है।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 12:24 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 12:24 PM (IST)
जयंती पर विशेष : शिक्षा की अलख जगाने को महर्षि दयानंद ने दिया था संदेश Bulandshahr News
जयंती पर विशेष : शिक्षा की अलख जगाने को महर्षि दयानंद ने दिया था संदेश Bulandshahr News

बुलंदशहर, [अश्वनी भारद्वाज]। महर्षि दयानंद सरस्वती ने छोटी काशी यानी अनूपशहर में दो वर्ष तक रहकर अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाने के लिए काफी प्रयास किया था। चर्चा है कि यहीं पर वर्ष 1867 में स्वामी जी को जहर देकर मारने का प्रयास भी किया गया था। उन्हीं के प्रेरणा के चलते नगर में अनेक शिक्षा संस्थान खोले गए थे। आज भी इन कालेजों में शिक्षा की अलख जल रही है।

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सात बार आए थे यहां पर

स्वामी दयानंद सरस्वती छोटी काशी अनूपशहर में सात बार आए तो प्रथम बार अपने गुरु विरजानंद की अस्थियों को विसर्जित करने, दूसरी बार शास्त्रर्थ करने, और कई बार लोगों को प्रेरणा देने, अंतिम बार लगातार दो वर्ष तक रहकर धर्म के प्रति आस्था रखने के साथ पाखंड से दूर रहने का उपदेश दिया था। इस कारण कुछ लोगों की रोजी रोटी पर बुरा प्रभाव पड़ा। इससे कुपित होकर एक व्यक्ति ने स्वामी जी को खाने में मिलाकर विष देकर मारने का असफल प्रयास किया।

स्‍वामी जी ने किया था माफ

स्वामी जी ने योग क्रिया (न्यौली) के माध्यम से विष को निष्प्रभावी कर दिया। तत्कालीन तहसीलदार सैयद अहमद खां ने विष देने वाले व्यक्ति को पकड़वाकर दंड देने के लिए स्वामी जी को ही अधिकृत कर दिया। स्वामी जी ने उस व्यक्ति को माफ कर देने के साथ छोड़ देने का अनुरोध किया। इस बात से सभी लोग हतप्रद हो गये, तो स्वामी जी ने कहा कि यह व्यक्ति दुष्ट है जब इसने अपना कर्म (दुष्टता) नहीं छोड़ा, तो फिर मै संत होकर अपना सज्जनता का कर्म क्यों छोड़ दूं। स्वामी जी की इस प्रेरणा से उनके अनुयायियों की संख्या और बढ़ गई।

प्रेरणा से बने कई कालेज

स्वामी दयानंद जी की प्रेरणा से अनूपशहर में समाजसेवी लाला लक्ष्मण प्रसाद ने लक्ष्मण प्रसाद दयानंद एंग्लो वैदिक इंटर कालेज, राम स्वरूप कायस्थ ने राम स्वरूप आर्य कन्या इंटर कालेज, लाला गोविंद राम ने जीडीएवी कन्या इंटर कालेज की स्थापना की। जिसके परिणाम स्वरूप आज अनूपशहर में महाविद्यालय के बाद जयप्रकाश गौड़ ने जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना कर स्वामी जी के सपनों को साकार किया है। साथ ही छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया। 


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