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लक्ष्मण को लगी शक्ति, शोक में डूबी वानर सेना

पहासू में रामलीला में गुरुवार को लक्ष्मण शक्ति लगना मेघनाद-कुंभकर्ण वध का मंचन किया गया। जिसे देखकर उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे। मेघनाद-कुंभकर्ण वध के बाद रामलीला मैदान श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 11:18 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 11:18 PM (IST)
लक्ष्मण को लगी शक्ति, शोक में डूबी वानर सेना
लक्ष्मण को लगी शक्ति, शोक में डूबी वानर सेना

बुलंदशहर, जेएनएन। पहासू में रामलीला में गुरुवार को लक्ष्मण शक्ति लगना, मेघनाद-कुंभकर्ण वध का मंचन किया गया। जिसे देखकर उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे। मेघनाद-कुंभकर्ण वध के बाद रामलीला मैदान श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा।

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गुरुवार को रामलीला के मंचन के दौरान रावण अपने पुत्र मेघनाद को युद्ध के लिए भेजता हैं। मेघनाद और लक्ष्मण के बीच भीषण युद्ध होता हैं। मेघनाद ने लक्ष्मण पर ब्रह्मशक्ति बाण चला दिया। जिसके प्रहार से लक्ष्मण मुर्छित होकर गिर पड़े। विभीषण के कहने पर हनुमान लंका से वैध को लेकर आते हैं और वैध के कहने पर संजीवनी बूटी लाने के लिए निकल जाते हैं। संजीवनी बूटी लाने के बाद वैधराज ने जब बूटी पिलाई तो लक्ष्मण की मूर्छा समाप्त हो जाती हैं। इसके बाद लक्ष्मण युद्ध में मेघनाद का वध कर देते हैं। मेघनाद के पश्चात कुंभकर्ण युद्ध करने आता हैं। प्रभू श्री राम उसका भी वध कर देते हैं। रामलीला मंचन का शुभारंभ भाजपा नेता देवेंद्र भारद्वाज ने प्रभु राम की आरती करते हुए किया। वहीं रामलीला समिति अध्यक्ष ध्रुव शर्मा ने बताया कि शुक्रवार यानि आज मां काली की शोभायात्रा निकाली जाएगी।

सन्यासी रूप में रावण छल कर ले गया माता सीता को

सिकंदराबाद। बुधवार की शाम दनकौर रोड स्थित चैंबर की धर्मशाला से रामलीला कमेटी के तत्वावधान में श्री राम वनगमन की लीला का मंचन हुआ। जिसमें कलाकारों ने पदयात्रा करते हुए नगर भ्रमण किया। चौधरीबाड़ा, बड़ा बड़ा होते हुए श्री राम, जानकी, लक्ष्मण रामबाड़ा स्थित रामलीला मैदान पर पहुंचे। इसके उपरांत गंगा पार करने के लिए केवट द्वारा प्रभु को पहचाने के दौरान अपने उद्धार के लिए वचन लेने समेत अन्य संवाद की लीला का मंचन हुआ। पंचवटी में राम को देख राक्षसी सुपंखा द्वारा मंत्रमुग्ध होने, लक्ष्मण द्वारा सुपंखा का नाक काटने, खर व दूषण द्वारा पंचवटी पहुंचे और श्री राम व लक्ष्मण को युद्ध के लिए ललकारे की लीला हुई। श्री राम ने दोनों राक्षसों को सेना समेत वध किया गया। वहीं सन्यासी रूप में रावण छल करते हुए माता सीता को अपहरण कर ले गया। रास्ते में जटायु द्वारा रावण को रोकने व रावण से युद्ध के दौरान जटायु के घायल होने की लीला का कलाकारों ने मनोहारी ढंग से मंचन किया।


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