कोरोना की मार के बीच खाकी का मानवीय चेहरा
आमजन से बदसलूकी और नाइंसाफी को लेकर पुलिस हमेशा विवादों में घिरी रहती है। कोरोना वायरस को लेकर चल रही जंग में पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आ रहा है। पुलिस हर उस शख्स का ध्यान रख रही है जो भूखा है। जैसे ही बुलंदशहर पुलिस को सूचना मिलती है कि कोई परिवार भूखा है तो पुलिस तुरंत परिवार के पास पहुंच रही है और राशन दे रही है।
बुलंदशहर, जेएनएन। आमजन से बदसलूकी और नाइंसाफी को लेकर पुलिस हमेशा विवादों में घिरी रहती है। कोरोना वायरस को लेकर चल रही जंग में पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आ रहा है। पुलिस हर उस शख्स का ध्यान रख रही है, जो भूखा है। जैसे ही बुलंदशहर पुलिस को सूचना मिलती है कि कोई परिवार भूखा है तो पुलिस तुरंत परिवार के पास पहुंच रही है और राशन दे रही है। गुरुवार को भी पुलिस ने तीन परिवारों को भोजन भिजवाया था। राशन दिया था। शुक्रवार को फिर से तीन परिवारों ने राशन की मांग की। जिसके बाद राशन पहुंचाया गया। इस काम के लिए पुलिस को एक परिवार को राशन देने के एक हजार रुपये प्रदेश सरकार की तरफ से दिए जा रहे हैं। इन परिवारों की पुलिस ने की मदद
केस एक
नरौरा थानाक्षेत्र के गांव नोदई निवासी बुजुर्ग महिला राधे देवी पत्नी छोटेलाल ने एक युवक से 112 नंबर पर फोन कराया और कहा कि वह और उसके पति भूखे हैं। घर का राशन खत्म हो गया है। इसके बाद पीआरवी नंबर 2136 पर तैनात कांस्टेबल खुर्शीद खान ने वहां सामान खरीदकर पहुंचाया। केस दो
खानपुर थानाक्षेत्र की चौहान कालोनी निवासी महिला शहनाज पत्नी अख्तर ने 112 पर सूचना देकर बताया कि उसका परिवार भूखा है। घर में राशन खत्म हो चुका है। जिसके बाद पीआरवी नंबर 2117 पर तैनात कांस्टेबल यादराम तत्काल मौके पर पहुंचे और उन्होंने महिला को राशन का सामान दिया। केस तीन
ककोड़ थानाक्षेत्र गांव झाझर निवासी एक महिला सितारा पत्नी नवाब ने सूचना देकर बताया कि उसका परिवार भी भूखा सो रहा है। खाना खाने के लिए उनके पास पैसे नहीं है। जिसके बाद पीआरवी नंबर 2108 पर तैनात आरक्षी मुकेश तोमर मौके पर पहुंचे और महिला को राशन का सामान उपलब्ध कराया। इन्होंने कहा..
जो भी पुलिसकर्मी अपने खर्चे से लोगों को सामान दे रहे हैं। उनके खाते में 24 घंटे के अंदर पैसा पहुंच रहा है। प्रत्येक परिवार के हिसाब से प्रदेश सरकार की तरफ से एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
संतोष कुमार सिंह, एसएसपी