कालाआम चौराहा का डिजाइन कोलंबिया के प्रथम स्टेज में पास
आइआइटी दिल्ली के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया शहर के कालाआम चौराहा का डिजाइन अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने प्रथम स्टेज में पास कर दिया। अब अगले तीन माह तक आइआइटी के वैज्ञानिक डिजाइन के अनुसार काम करेंगे।
बुलंदशहर, जेएनएन। आइआइटी दिल्ली के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया शहर के कालाआम चौराहा का डिजाइन अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने प्रथम स्टेज में पास कर दिया। अब अगले तीन माह तक आइआइटी के वैज्ञानिक डिजाइन के अनुसार काम करेंगे। इसके बाद कार्य प्रगति, ट्रैफिक में सुधार और लोगों को मिली सुविधाओं की पूरी रिपोर्ट कोलंबिया भेजी जाएगी।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पहले चरण में पास हुए डिजाइन पर अक्टूबर माह के पहले सप्ताह से आइआइटी के वैज्ञानिक काम शुरू करेंगे। चौराहे से मिलने वाली छह सड़कों पर वाहनों की स्पीड कंट्रोल करने के लिए अनकट स्टोन (पत्थर) लगेंगे। पैदल यात्रियों के लिए चौराहा के चारों ओर जेबरा क्रासिग। कार और दो पहिया वाहन के लिए भी अलग से क्रासिग लाइन बनेगी। ये सब काम जापानी चौराहों की तर्ज पर होगा। तीन महीने में काम पूरा करने के साथ ही तीस दिन तक वैज्ञानिक चौराहा का सर्वे, ट्रैफिक कंट्रोल और पैदल यात्रियों को कितनी सुविधाएं मिली। इस पर नजर रखेंगे। इसके बाद पूरी रिपोर्ट बनाकर फिर से द्वितीय स्टेज का प्लान कोलंबिया भेजा जाएगा।
दुनियाभर में होगी वोटिंग
सीनियर परियोजना वैज्ञानिक, आइआइटी, दिल्ली, समृद्ध सिंह चौहान ने बताया कि चौराहा पर काम करने के बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी इस पर दुनियाभर में वोटिग कराएगी। इसके बाद बुलंदशहर का चयन विजन-2030 के लिए होगा। फिर डिजाइन को सर्टिफिकेट ऑफ एक्सिलेंस अवार्ड से नवाजा जाएगा। वर्ष 2020 में अबु धामी में होने वाले वर्ल्ड अर्बन फोरम में इस काम को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रोजेक्ट पर सभी संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है।