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शोपीस बनी फजलपुर गांव में पानी की टंकी

ब्लाक स्तर से ग्रामीणों को स्वच्छ पानी के लिए फजलपुर गांव में पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। लाखों की लागत से बनी यह टंकी वर्तमान में पूरी तरह शोपीस बन गई है। ग्रामीणों की बार-बार मांग के बाद भी टंकी से पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 10:19 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 10:19 PM (IST)
शोपीस बनी फजलपुर गांव में पानी की टंकी
शोपीस बनी फजलपुर गांव में पानी की टंकी

पहासू: ब्लाक स्तर से ग्रामीणों को स्वच्छ पानी के लिए फजलपुर गांव में पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। लाखों की लागत से बनी यह टंकी वर्तमान में पूरी तरह शोपीस बन गई है। ग्रामीणों की बार-बार मांग के बाद भी टंकी से पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है।

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पहासू क्षेत्र के गांव फजलपुर में 2007 में पानी की टंकी का निर्माण हुआ था। इस पर 40 लाख से अधिक धनराशि खर्च की गई थी। टंकी के निर्माण के बाद छह माह तक ग्रामीणों को पानी की सप्लाई हुई, लेकिन उसके बाद से टंकी शोपीस बनकर रह गई है। देखभाल के अभाव के कारण टंकी इस वक्त जर्जर हाल में पहुंच चुकी है। ऐसे में ग्रामीणों के घरों तक पानी पहुंचाने की सरकार की यह मंशा फेल होती दिख रही है। यह हाल तब है, जब ग्रामीण ब्लाक से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। इसके पीछे अधिकारियों की लापरवाही साफ दिख रही है। उधर, गांव प्रधान गजेंद्र ¨सह ने बताया कि टंकी ग्राम पंचायत के हैंडओवर है। इसका बिल जमा है, लेकिन गांव में पानी की सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप लाइन क्षतिग्रस्त है। इसकी मरम्मत शिकायतों के बाद भी नहीं कराई गई। बोले ग्रामीण..

2007 में भागदौड़ करके गांव के लोगों ने पानी की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टंकी का निर्माण कराया था, लेकिन कुछ समय ग्रामीणों को इसका फायदा मिला। उसके बाद टंकी बंद हो गई।

---श्रीपाल ¨सह। गांव में बंद पड़ी पानी की टंकी को चालू कराने के लिए कई बार ब्लाक से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगाई जा चुकी है। उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वर्तमान में पानी की टंकी जर्जर हालत में होती जा रही है।

-बिजेंद्र ¨सह। जब गांव में टंकी लगी थी, तो ग्रामीण काफी खुश थे। क्योंकि उन्हें 300 फुट नीचे से शुद्ध पानी मिल रहा था, लेकिन उसकी यह खुशी कुछ ही समय तक रहीं।

--दुष्यंत ¨सह।


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