मां-बाप की खिदमत करें जन्नत होगी आसान : शफीकुर्रहमान
जहांगीराबाद नगर में शब-ए-बरात के मौक़े पर एक जलसे का आयोजन किया गया। जिसमें तकरीर करते हुये मुंबई से आए मौलाना शफीकुर्रहमान कादिरी ने इस्लाम के जीवन पर जिदगी गुजरने का रस्ता बताया।
जहांगीराबाद: नगर में शब-ए-बारात के मौके पर एक जलसे का आयोजन किया गया। जिसमें तकरीर करते हुये मुंबई से आए मौलाना शफीकुर्रहमान कादिरी ने इस्लाम के जीवन पर जिदगी गुजरने का रास्ता बताया। अकीदतमंदों ने देश में अमनचैन की दुआ मांगी।
शब-ए-बारात के मौके पर मोहल्ला कुरेशीयान व मदरसा खेरूल उलूम अरबिया में तकरीर व जलसों का आयोजन किया गया। शुक्र बाजार पैठ मैदान में जलसे में मौलाना शफीकुर्रहमान कादिरी ने कहा कि हमें अपने बच्चों को दीनी तालीम की ओर ध्यान देना चाहिए। माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। तभी हमारी जन्नत की राह आसान होगी। जलसे में अशरफ अजमली, मुफ्ती कय्यूम व आरिफ ताहिर ने भी दिन व शब-ए-बारात की नेमत पर रात में रोशनी डाली। इस मौके पर जलसे में मदरसा खेरूल उलूम में कुरआन मुकम्मल तीन बच्चों मोहसिन, मोहम्मद सुहेल व बिलाल गांव शकरगढ़ी की दस्तारबंदी भी की गई। मुफ्ती खालिद, मौलाना इकबाल ने कहा कि इस्लाम के रास्ते पर चलन से दुनिया व दीन दोनों की पहचान होती है। शहर इमाम सैयद डा. कलीमुरहमान ने कहा कि आज हम सभी इस्लाम के रास्ते से भटक गए हैं। जिसके कारण दुनिया में हमे तकलीफ उठानी पड़ रही है। कार्यक्रम को सफल बनाने में हाफिज उस्मान कादिरी, कारी लुकमान कादिरी, हाफिज इसरार, सुलेमान सैफी, सईद अहमद, मुश्ताक मुनिरी व सलीम सैफी आदि का विशेष योगदान रहा। मस्जिदों में हुई दुआएं
संवाद सहयोगी, गुलावठी: शब-ए-बारात यानि इबादत का पर्व। लोगों ने शनिवार रात मस्जिदों में नमाज पढ़कर खुदा से अपने व अपने अजीजो-अकारिब के लिए दुआ मांगी। बच्चों ने जमकर आतिशबाजी छोड़ी। जामा मस्जिद के इमाम मौलाना फरीदुद्दीन ने बताया कि शब-ए-बारात के दिन हमें ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत करनी चाहिए, जिससे हमारे तमाम गुनाह माफ हो जाएं। बताया कि शब-ए-बारात के बाद शाबान की 14 या 15 तारीख को रोजा रखा जाता है।