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पारिश्रामिक नहीं मिला तो स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर लगाएंगे ब्रेक

पारिश्रमिक नहीं मिलने से नाराज स्वास्थ्य विभाग के संविदा वाहन चालकों ने राष्ट्रीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की चेतावनी दी है। स्वजन संग कलक्ट्रेट पहुंचकर उन्होंने कार्यदायी संस्था और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंप पारिश्रमिक दिलाने की मांग की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 03:40 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 03:40 AM (IST)
पारिश्रामिक नहीं मिला तो स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर लगाएंगे ब्रेक
पारिश्रामिक नहीं मिला तो स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर लगाएंगे ब्रेक

जेएनएन, बुलंदशहर। पारिश्रमिक नहीं मिलने से नाराज स्वास्थ्य विभाग के संविदा वाहन चालकों ने राष्ट्रीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की चेतावनी दी है। स्वजन संग कलक्ट्रेट पहुंचकर उन्होंने कार्यदायी संस्था और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंप पारिश्रमिक दिलाने की मांग की। समस्या का समाधान न होने पर धरना-प्रदर्शन कर वाहनों का संचालन न करने की चेतावनी भी दी।

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इस दौरान पत्नी और बच्चों के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे तरुण भारद्वाज, कुलदीप रस्तोगी, योगेश गुप्ता, बंटी भाटी, पीतम चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिकित्सक टीम को स्कूलों के भ्रमण के लिए एक कार्यदायी संस्था को ठेका दिया। जिस पर कार्यदायी संस्था ने जिले के करीब 16 ब्लाक के लिए करीब 49 वाहन स्वामियों से अनुबंध किया। आरोप लगाया कि कार्यदायी संस्था ने स्वास्थ्य विभाग से 33500 रुपये प्रतिमाह धनराशि प्रति वाहन संचालन का अनुबंध किया है। जिसके बाद वाहन स्वामियों से संपर्क किया। कुछ वाहन स्वामियों ने स्वयं तो कुछ ने चालक रखकर वाहन का संचालन योजना के तहत शुरू किया, लेकिन इसके बदले उन्हें मात्र 15000 रुपये का ही पारिश्रमिक दिया जा रहा है। अधिकांश वाहन स्वामियों या चालकों को करीब चार से पांच माह का पाराश्रमिक भुगतान नहीं किया गया है। इससे उनका परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है। अब उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। वहीं, आरोप लगाया कार्यक्रम के तहत जो स्टेशनरी उनके वाहनों के जरिए पहुंचाई जा रही है। वह कम कीमत पर खरीदी गई है और उसका बिल अधिक दर्शाकर गोलमाल किया जा रहा है।


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