लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पर चर्चा के बीच बुलंदशहर में तलाक... तलाक... तलाक
बुलंदशहर में एक महिला को उसके शौहर ने सिर्फ इसलिए तीन तलाक बोलकर छोड़ दिया क्योंकि उसने बेटी को जन्म दिया।
बुलंदशहर, जेएनएन। जहां एक ओर शुक्रवार को लोकसभा में मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को दोबारा पेश किया, वहीं बुलंदशहर में एक महिला को उसके शौहर ने सिर्फ इसलिए तीन तलाक बोलकर छोड़ दिया, क्योंकि उसने बेटी को जन्म दिया। मामले में पीड़िता ने अपने पति सहित पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
दूसरे निकाह में बाधक बनी पत्नी को पति ने तीन तलाक बोलकर घर से बाहर निकाल दिया। किसी प्रकार महिला अपनी ससुराल से पहासू स्थित मायके पहुंची। पहासू क्षेत्र निवासी महिला ने बताया कि उसकी शादी दस वर्ष पहले अलीगढ़ के छर्रा क्षेत्र निवासी युवक से हुई थी। उसके दो बेटियां हैं। ससुराल के लोग बेटी होने पर ताने मारते थे। आरोप है कि दूसरी शादी रचाने के लिए 19 जून को उसके पति ने तीन बार तलाक बोला और धक्के देकर घर से बाहर निकाल दिया।
बताया जाता है कि निकाह के बाद आसिया बानो को चार बेटियां हुईं, जिनमें से दो की मौत हो गई. आरोप है कि बार-बार बेटी होने पर आसिया के ससुराल पक्ष के लोगों ने उनको शारीरिक और मानसिक यातनाएं देनी शुरू कर दीं। अब तीन तलाक से आसिया की जिंदगी नासूर हो गई है और वह अपने पिता के घर बुलन्दशहर के पहासू में रह रही है।
पीड़िता के भाई कमरुद्दीन ने बताया कि ससुराल वालों ने यह आरोप लगाकर तीन तलाक बोल दिया कि बेटा नहीं पैदा हो रहा है। इतना ही नहीं मारपीट कर गांव के स्कूल के बाहर छोड़कर चले गए। हम थाने गए तो वहां भी हमें न्याय नहीं मिल रहा।
थाना प्रभारी महेश राठौर ने बताया कि तीन तलाक अलीगढ़ में दिया गया है। ऐसे में वहीं कार्रवाई के लिए तहरीर देनी चाहिए। फिर भी पीड़िता की शिकायत पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आसिया बानो उर्फ आशा की तहरीर पर पति अंसार अहमद, जेठ बशीर अहमद, सास कनीर, ननद शबनम व ससुर नसीर अहमद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
मामले में बुलंदशहर के एसपी ग्रामीण मनीष कुमार मिश्रा ने कहा कि एक आदमी ने अपने पत्नी को बेटी के जन्म होने पर तलाक देने का मामला सामने आया है। शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया है। मामले में जांच के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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