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कैसे हो एक्सरे, कहीं रेडियोलाजिस्ट नहीं, कहीं मशीन खराब

जनता को सुलभ चिकित्सा मुहैया कराने के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक्सरे की सुविधा उपलब्ध कराई गई थीं लेकिन अफसरों की उपेक्षा के चलते अधिकांश सीएचसी पर एक्सरे की सुविधा ठप पड़ी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 11:10 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 11:13 PM (IST)
कैसे हो एक्सरे, कहीं रेडियोलाजिस्ट नहीं, कहीं मशीन खराब
कैसे हो एक्सरे, कहीं रेडियोलाजिस्ट नहीं, कहीं मशीन खराब

बुलंदशहर, जेएनएन। जनता को सुलभ चिकित्सा मुहैया कराने के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक्सरे की सुविधा उपलब्ध कराई गई थीं, लेकिन अफसरों की उपेक्षा के चलते अधिकांश सीएचसी पर एक्सरे की सुविधा ठप पड़ी है। कहीं मशीन खराब है तो कहीं रेडियोलाजिस्ट और एक्सरे टेक्नीशियन नहीं है। नतीजन मरीज और उनके तीमारदारों को जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ रही है।

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दानपुर सीएचसी को आज तक एक्सरे की मशीन ही नहीं मिली है। बीबीनगर सीएचसी पर एक्सरे मशीन लगी है तो वहां कोई रेडियोलाजिस्ट नहीं है। टेक्नीशियन ही एक्सरे करके ऑनलाइन रिपोर्ट मंगाकर देता है। ऊंचागांव सीएचसी पर एक्सरे मशीन वर्षो से धूल फांक रही है। यहां एक्सरे के लिए आने वाले मरीज एक्सरे कराने के लिए जिला अस्पताल बुलंदशहर ही जाते हैं। जहांगीराबाद सीएचसी पर मशीन चालू है, लेकिन रेडियोलाजिस्ट नहीं होने के कारण एक्सरे रिपोर्ट ऑनलाइन भेजकर टेली रेडियोलाजी द्वारा रिपोर्ट ली जाती है। खुर्जा के जटिया अस्पताल में प्रतिदिन 60 से 70 मरीज एक्सरे के लिए आते हैं, लेकिन यहां भी रेडियोलाजिस्ट का टोटा है। गुलावठी सीएचसी पर शुक्रवार को छोड़कर बाकी दिन एक्सरे होते हैं, रेडियोलाजिस्ट का काम भी एक्सरे टेक्नीशियन ही करता है। डिबाई सीएचसी के एक्सरे टेक्नीशियन की ड्यूटी दो जगह होने के कारण सप्ताह में तीन दिन ही एक्सरे की सुविधा जनता को मिल पाती है। पहासू सीएचसी की एक्सरे मशीन रेडियोलाजिस्ट और एक्सरे टेक्नीशियन के अभाव में पिछले काफी समय से बंद पड़ी है। लगानी पड़ रही जिला अस्पताल की दौड़

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक्सरे की सुविधा चौपट होने के कारण मरीजों को 30 से 50 किलोमीटर की दूरी तय करके जिला अस्पताल आना पड़ता है। ऐसे में एक दिन और पैसे दोनों बर्बाद होते हैं। सीएचसी पर समय-समय पर निरीक्षण करने वाले अफसर सब कुछ सही होने का दावा करते हैं। बाजार में तीन सौ रुपये का रेट

जब सरकारी अस्पताल में एक्सरे नहीं होता है तो प्राइवेट रेडियोलाजिस्ट के पास जाना पड़ता है। ऐसे में तीन सौ से पांच सौ रुपये तक लोगों को खर्च करने पड़ते हैं। इन्होंने कहा

सीएचसी पर एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है। यदि कहीं मशीन खराब है तो उसे सही कराएंगे। रेडियोलाजिस्ट व टेक्नीशियन की कमी है। इसके लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा।

-डा. केएन तिवारी, सीएमओ


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