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यहां आज भी नहीं सुरक्षित है आधी आबादी

महिला सशक्तिकरण के लिए कोई भी सरकार कितने ही वादे कर ले लेकिन आज भी महिलाएं न तो घर में महफूज है और न घर से बाहर।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 11:18 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 11:18 PM (IST)
यहां आज भी नहीं सुरक्षित है आधी आबादी
यहां आज भी नहीं सुरक्षित है आधी आबादी

बुलंदशहर: महिला सशक्तिकरण के लिए कोई भी सरकार कितने ही वादे कर ले, लेकिन आज भी महिलाएं न तो घर में महफूज है और न घर से बाहर। आंकड़े बताते है कि बीते एक दशक में बुलंदशहर में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में महिलाओं के अपराधों की संख्या में दोगुना इजाफा हुआ है। हालांकि जिले में छेड़छाड़ की वारदात को लेकर मुज्जफरनगर के कवाल जैसा बवाल तो यहां नहीं हुआ है पर छेड़छाड़ व दुष्कर्म की घटना को लेकर पथराव व हत्याएं जरूर जिले में हो चुकी है। यही कारण है कि जिले में हर रोज पुलिस अधिकारियों के पास छेड़खानी, दुष्कर्म एवं अन्य मामलों की करीब दस शिकायतें आती है, जिसमें से पांच शिकायतों में महिलाओं को आरोपित पक्ष को फंसाने के लिए ढाल बनाया जाता है। जिससे जिले में महिलाओं से छेड़खानी आदि वारदातों का ग्राफ बढ़ने का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि भगवा सरकार के गठन के बाद से जिले में महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों को दर्ज किया जा रहा है। हर दिन पांच मामले आते है सामने

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हालांकि पुलिस के पास इसके सटीक आंकड़े नहीं है कि रोज घर व घर से बाहर महिलाओं व छात्राओं से छेड़खानी की कितनी वारदातें होती है। कुछ ऐसी घटना भी हो चुकी है, जिनके मुकदमें परिजन लोकलाज के डर से थाना में दर्ज नहीं कराते है और खुद ही आरोपित को सबक सिखाने का प्रयास कर करते हैं। शहर में कई बार छेड़खानी की ऐसी घटनाएं हो चुकी है, जब पीड़ित परिवार ने आरोपित को सरेराह सबक सिखाया। पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो पीड़ित परिवार ने कानूनी कार्रवाई से इन्कार कर दिया। घर व घर के बाहर भी सुरक्षित नहीं महिलाएं

चार दिन पहले नगर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी युवती को घर में अकेली पाकर किरायेदार युवक ने दुष्कर्म का प्रयास किया तो आरोपित युवक ने युवती को मिट्टी का तेल डालकर जिदा जला दिया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह औरंगाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में धार्मिक ग्रंथ पढ़ने जा रही नाबालिग से दो किशोरों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक आरोपित को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अभी तीन आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। सांप्रदायिक तनाव से लेकर हो चुकी है हत्याएं

बुलंदशहर कृषि प्रधान जिला है। यहां के लोगों का मिजाज भी ज्यादा गर्म नहीं है, लेकिन जब बात घर की अस्मत पर हाथ डालने की होती है तो हत्याओं से लेकर पथराव की घटनाएं जिले में हो जाती है। वर्ष 2017 में पहासू थाना क्षेत्र से एक युवती को भगा कर ले जाने की घटना से आक्रोशित लोगों ने पहासू थाना क्षेत्र में एक विशेष समुदाय के वृद्ध की हत्या कर दी थी, जिससे क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव हो गया था। वर्ष 2015 में अवैध संबंधों के शक में जाजी-साली की हत्या भी कर चुका है। औरंगाबाद थाना क्षेत्र में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर एक ही समुदाय को दो पक्षों में पथराव की घटना भी पुलिस के होश उड़ा चुकी है, लेकिन पुलिस की सजगता से जिले में कवाल जैसा बवाल नहीं हो सका। सांप्रदायिक तनाव के बाद जब पुलिस को करना पड़ा वारदात का सीन रिक्रिएट

दस मार्च की रात को शादी से लौट रही किशोरी को कार सवार युवक ममेरे भाई के सामने अगवा कर ले गए थे। इस घटना को लेकर जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। वारदात के 36 घंटे के बाद पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया। किशोरी से दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद परिजनों ने पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। आरोपितों तक पहुंचने के लिए पुलिस को घटना का फिर सीन रिक्रिएट करना पड़ा, लेकिन अभी तक पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। छेड़खानी के कारण कई छात्राएं कर चुकी हैं आत्महत्या

मनचलों के हौसले इतने बुलंद है कि उन में खाकी का खौफ नजर नहीं आ रहा है। दिन हो या रात घर हो या घर से बाहर, मनचले लड़कियों, छात्राओं व महिलाओं को अकेली पाकर उन्हें अपना शिकार बनाने से नहीं चूकते हैं। पुलिस की ढीली पकड़ के चलते वर्ष 2018 में एक युवती ने छेड़खानी से अजीज आकर आत्महत्या कर ली थी। जहांगीराबाद, सिकंदराबाद व नगर कोतवाली क्षेत्र में कई छात्राओं ने स्कूल व कालेज जाना छोड़ दिया था। हवा में काम कर रहा एंटी रोमियो टास्क

छेड़खानी की बढ़ती वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश में सत्तारुढ़ होते ही भाजपा सरकार ने एंटी रोमियो सेल का गठन किया था, जिसमें महिला पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया था। कुछ दिनों तक जिले में एंटी रोमियो की आमद तो जरूर दिखाई दी, लेकिन बाद में एंटी रोमियो हवा में काम करता दिखाई दे रहा है। हालांकि बुलंदशहर में भी एंटी रोमियो सेल गठित है। वहां कहां और क्या कर रहा है? इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है, हां जिले में महिलाओं से छेड़खानी को लेकर जब कोई बवाल होता है तो कुछ समय के लिए थाना पुलिस या फिर फैंटम चौक चौराहों से लेकर स्कूल व कालेजों के बाहर जरुर दिखाई देती है। बोले विपक्षी दल

भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद तमाम बड़े वायदे किए थे, लेकिन असलियत सबके सामने है। महिलाओं के प्रति अपराध में लगातार वृद्धि हो रही है। सरकार की एंटी रोमियो टास्क फोर्स भी सड़क से गायब है। सरकार ने सिर्फ दिखावे के लिए अधिक काम किया, धरातल पर असर कुछ भी दिखाई नहीं देता।

- कमल राजन, जिलाध्यक्ष बसपा

प्रदेश में कानून व्यवस्थ नाम की कोई चीज नहीं है। हर दिन छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही है। बात अपने जिले की करें तो कई बार छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटना होने के बाद उन्होंने स्कूल जाना भी बंद कर दिया। सरकार सिर्फ लोगों को बरगलाने का काम कर रही है। लेकिन अब जनता भी समझा चुकी कि अपराधियों पर दिखावे के लिए ही कार्रवाई की जा रही है।

- सुभाष गांधी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष


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