बरसात के साथ हवा ने बिछाई धान की फसल
पिछले कई दिनों से लगातार बारिश ने किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें उभार दी हैं। बारिश के साथ चल रही हवा से सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को है। तमाम खेतों में धान की फसल बिछ गई है, तो कई जगह तो धान की बाली पानी में डूबने से फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है।
खुर्जा: पिछले कई दिनों से लगातार बारिश ने किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें उभार दी हैं। बारिश के साथ चल रही हवा से सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को है। तमाम खेतों में धान की फसल बिछ गई है, तो कई जगह तो धान की बाली पानी में डूबने से फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है।
बीते शुक्रवार से ही मौसम लगातार करवट ले रहा है। शनिवार रात से सोमवार तक थम-थमकर बरसात होती रही। बीच में बारिश थमी भी, लेकिन आसमान में बादल छाए रहे। कुछ स्थानों पर धान की फसल पक गई है और कुछ स्थान पर पकने को तैयार है। ऐसे में कटाई से पहले बरसात ने किसानों की परेशानी को बढ़ा दी है। बारिश के साथ चल रही हवा के कारण सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को ही है। नगर और देहात क्षेत्र में कई स्थानों पर धान की फसल बिछ गई है, तो कई स्थानों पर पानी में डूब भी गई है। जहां एक ओर सरकार एक अक्टूबर से धान क्रय केंद्रों को चालू करने की बात कह रही है। वहीं मौसम की मार से फसल के खराब होने से किसान परेशान हैं। अमित, वीरेंद्र, हेम ¨सह, जुगेंद्र, जगतवीर, वीर ¨सह आदि किसानों ने बताया कि क्षेत्र में सैकड़ों बीघा सरबती धान की फसल पूरी तरह से बिछ गई है। किसानों का कहना है कि पकने को तैयार धान की फसल गिरने से दाना खराब हो जाता है। इसके चलते किसानों को फसल की लागत का मिलना भी मुश्किल हो गया है। किसान पकी फसल में 40 और कच्ची फसल में 50 प्रतिशत नुकसान का अनुमान लगा रहे है।