स्वयं पर भरोसा रखकर लक्ष्य की ओर बढ़ रही हैं रूपल
चाहे जीवन में कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों, हमें ¨जदगी में कितनी भी मुश्किलों का सामना करना पड़े, लेकिन स्वयं पर पूरा विश्वास और भरोसा रखकर ही लक्ष्य साधना चाहिए।
चाहे जीवन में कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों, हमें ¨जदगी में कितनी भी मुश्किलों का सामना करना पड़े, लेकिन स्वयं पर पूरा विश्वास और भरोसा रखकर ही लक्ष्य साधना चाहिए। यदि हमने अपना आत्मविश्वास खो दिया तो हम विपरीत स्थितियों का सामना कतई नहीं कर पाएंगे। यह कहना है किसान की बेटी रूपल चौधरी का। रूपल वुशू खिलाड़ी हैं और तमाम विपरीत परिस्थितियां होने के बाद अभी तक राज्य व राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं।
खुर्जा क्षेत्र के मदपुर गांव निवासी किसान ग्रीश चौधरी की पुत्री रूपल चौधरी वुशू की खिलाड़ी हैं। यूं तो गांव में कई युवा खेल में अपना भविष्य संवारने में जुटे हैं, लेकिन अगर बेटियों की बात की जाए तो रूपल ही अकेली ऐसी लड़की हैं जो खेल में अपना भविष्य बनाकर देश का नाम रोशन करना अपना लक्ष्य बना चुकी हैं। रूपल बताती हैं कि जब वह आठवीं में थी तो खेल संबंधी खबरें देखती थी। उसी समय से उन्होंने स्वयं को खेल के लिए तैयार कर लिया था। उनका गांव खुर्जा जंक्शन से करीब तीन किलोमीटर दूर है। यहां तक आने में उन्हें पहले तीन किलोमीटर पैदल का रास्ता तय करना पड़ता है। इसके बाद बस द्वारा खुर्जा पहुंचा जाता है। खुर्जा में खेल के लिए वुशू की सबसे बेहतर सुविधा देखते हुए उन्होंने वुशू में स्वयं को निखारना शुरू किया।
- 2016 से शुरू हुआ सफर
रूपल ने बताया कि खुर्जा में अमित शर्मा से वुशू सीखकर उन्होंने प्रतियोगिता में प्रतिभाग करना शुरू किया। दिसंबर 2016 में गाजियाबाद में आयोजित प्री स्टेट प्रतियोगिता में उन्होंने पहली बार हिस्सा लिया। इसमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर अपने अभियान की शुरूआत की। अक्टूबर 2017 में मुजफ्फरनगर में प्रदेश स्तर की प्रतियोगिता में उन्होंने फिर से गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद से वह लगातार विजय प्रदर्शन कर रही हैं। फरवरी 2018 में दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में उन्होंने उम्दा प्रदर्शन किया। जून माह में सहारनपुर में मंडल स्तर की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। अगस्त 2018 में खुर्जा नगर में ही राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में सिल्वर पदक से संतुष्ट करना पड़ा। जनवरी 2019 का आगाज उन्होंने सहारनपुर में आयोजित स्टेट जूनियर चैंपियनशिप से किया। इसमें भी उन्हें सिल्वर मेडल मिला।
- गोल्ड जीतना है लक्ष्य
अभी रूपल नगर के एक कालेज से बीए करते हुए खेल में आगे बढ़ रही हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में उम्दा प्रदर्शन करके उनका लक्ष्य ओलंपिक खेलों में देश के लिए गोल्ड जीतना है। जल्द ही आल इंडिया प्रतियोगिता का आयोजन होगा। उसके जरिए व अपना सपना पूरा करेंगी।