जी का जंजाल बनी सीवर लाइन
शहर के विकास को चमकाने और नालों की समस्या से निजात दिलाने के लिए डाली जा रही सीवरेज लाइन शहरवासियों के लिए जी का जंजाल बन गई है।
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर : शहर के विकास को चमकाने और नालों की समस्या से निजात दिलाने के लिए डाली जा रही सीवरेज लाइन शहरवासियों के लिए जी का जंजाल बन गई है। अभी तक एक चौथाई भी काम पूरा नहीं हुआ है। सड़कें शहरभर में खुदी पड़ी हैं और रास्तों पर जाम लगा रहा हैं। टूटी सड़कों पर दिनभर उड़ने वाली धूल लोगों को बीमार बना रही है। शहर वासियों की फिलहाल सबसे बड़ी परेशानी का सबब बनी सीवर लाइन के काम को लेकर अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।
केन्द्र सरकार की अमृत योजना से शहर में जल निगम द्वारा सीवरेज लाइन डालने का कार्य चल रहा है। शहर में लाइन डालने के लिए पिछले वर्ष अप्रैल माह में काम शुरू हुआ। पिछले आठ माह में मात्र 25 किलोमीटर लाइन डाली गई है। फिलहाल शहर की सूरत सीवर लाइन की खुदाई ने बिगाड़कर रख दी है। शहर में डीएम रोड, ईदगाह रोड, साठा रोड, टीचर्स कालोनी रोड पर खुदाई चल रही है। सबसे बड़ी समस्या ये है कि एक भी मोहल्ले में एक साथ ही सभी सड़क खोद कर डाली जा रही है। उधर, टूटी सड़कों से उड़ रही धूल शहरवासियों की आंख और सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ रही हैं।
रोजाना फूट रही पेयजल लाइन
सीवर लाइन की खुदाई के चलते जेसीबी आए दिन पालिका की पेयजल पाइप लाइन को फोड़ रही है। इससे आए दिन किसी ने किसी इलाके में पेयजल का संकट खड़ा हो जाता है और साथ ही पानी की बर्बादी भी होती है। सीवर लाइन में पेयजल पाइप लाइन में इतने जोड़ लग जाएंगे, कि जब तक नई पेयजल पाइप लाइन नहीं डाली जाएगी। पाइप फूटते रहेंगे।
सड़क खोदी जाए, पर वैकल्पिक रास्ता दिया जाए
सीवर लाइन की खुदाई से हो रही परेशानी को लेकर नगर वासी परेशान हो रही हैं। रोड की खुदाई से दो दिन पहले लोगों को अखबारों के माध्यम सूचना मिलनी चाहिए। ताकि लोग अपना माइंड मेकअप कर लें। एक मोहल्ले में एक ही सड़क को खोदा जाए। ताकि उसके अन्य रास्ते वैकल्पिक रास्ते बन सकें। जब तक एक रास्ते की खुदाई का काम पूरा होकर लेव¨लग न हो, तब तक दूसरा रास्ता न खोदा जाए।
-सुनील शर्मा उर्फ टीटू सभासद
लोगों का दर्द विकास होता है तो थोड़ी दिक्कत होती है। लेकिन ठेकदार को भी ध्यान रखना चाहिए। सड़क खुदने के बाद जब तक सड़क न बने तो मिट्टी पर छिड़काव किया जाना चाहिए। ताकि धूल न उड़े।
- राजीव शर्मा, प्रधानाचार्य
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- हरी अंगीरा, समाजसेवी
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सीवर लाइन के चलते शहर में जगह-जगह गड्ढे खुदे पड़े हैं। इसलिए बच्चों को अकेले स्कूल नहीं भेज सकते। बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए जाना पड़ता है। सड़क खुदने के बाद कई दिन तक तो चार पहिया वाहन मिट्टी में फंसते रहते हैं।
-डा. पंकज उपाध्याय
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आंखों को बीमारी का खतरा
शहर का प्रदूषण पहले से ही इतना बढ़ा हुआ है और अब धूल भी उड़ रही है। इससे आंखों की समस्या भड़ रही है। लगातार जिला अस्पताल में मरीज भी पहुंच रहे है। दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाएं और बाहर निकलें तो चश्मा पहनकर निकलें।
- डा. वीएन राय, नेत्र रोग विशेषज्ञ
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इंफो
147करोड़ - है कुल बजट
2020 फरवरी - तक पूरा होगा काम
35 किमी- अब तक डल चुकी सीवर लाइन
15 किमी- अब तक बनाई जा चुकी सड़क
125 किमी- लंबी होगी सीवर लाइन
इन्होंने कहा..
फरवरी 2020 तक पूरा होगा काम
सीवर लाइन से भविष्य में दिक्कत न हो इसके लिए पहले मेन रोड पर खुदाई कराकर लाइन डाली जाती है। उसके बाद गलियों के पाइप डाले जाएंगे। सड़क की खुदाई के बाद मरम्मत का काम भी जलनिगम ही कर रहा है। 35 किमी लाइन डाल चुके हैं और 15 किमी सड़क बनाई जा चुकी है।
-एसके शर्मा, एक्सईएन, जलनिगम