गरीबों के मर्ज को काट रही जेनरिक दवा
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना का बुलंदशहर वासियों को खूब लाभ मिल रहा है।
बुलंदशहर, जेएनएन: प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना का बुलंदशहर वासियों को खूब लाभ मिल रहा है। इन पर 375 जेनरिक दवाएं उपलब्ध हैं, जोकि बाजार से बहुत कम मूल्य पर लोगों को मिल रही हैं। सरकारी अस्पतालों समेत अब तक जिले में 17 जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जुलाई 2015 को योजना की घोषणा की थी, जबकि बुलंदशहर में पहला औषधि केंद्रों जिला अस्पताल में 15 जुलाई 2018 को खोला गया। शुरुआत में जन औषधि केंद्र पर कुल 72 दवाएं उपलब्ध थी। इसके बाद दवाओं और जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ती गई। इस समय जिला अस्पताल, खुर्जा और सिकंदराबाद सीएचसी में जन औषधि केन्द्र चल रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के अलावा शिकारपुर, खुर्जा, सिकंदराबाद, अनूपशहर, औरंगाबाद, स्याना में एक-एक और बुलंदशहर में चार निजी जन औषधि केंन्द्र भी संचालित हो रहे हैं। घोषणा के समय सरकार ने जन औषधि केंद्र पर 699 जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने का दावा किया गया। लेकिन पिछले 16 महीने में बुलंदशहर में जितने भी जन औषधि केंद्र खुले उन पर अब तक 375 दवाएं मिल रही हैं। सौ से अधिक जेनरिक दवाएं तो ऐसी हैं, जिनका मूल्य जन औषधि केंद्र पर बाजार मूल्य से आधा है या इससे भी कम है।
सरकार ने ये अच्छा काम किया
जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र पर दवा लेने वाले मरीजों की सबसे अधिक भीड़ रहती है। गरीब और मध्यमवर्गीय ही नहीं यहां अमीर भी दवा खरीदते हैं। ऊपरकोट निवासी रेशमा, रुकसाना का कहना है कि मोदी ने इस योजना से गरीबों की बहुत मदद की है।
कस्बों में भी खुलेंगे
धीरे-धीरे जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ रही है। कुछ समय बाद कस्बों में भी जन औषधि केंद्र खुलेंगे। बहुत सस्ती दवा लोगों मिल रही है। संचालक केवल जैनेरिक दवा ही बेच सकते हैं। बाहर की दवा बेचने का कार्रवाई होगी।
- डा. केएन तिवारी, सीएमओ