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मन में गंगा समाईं..स्वच्छता की सौगंध उठाई

कर्णवास की पहचान गंगा के कारण ही हैं हम अपनी धरोहर को इस तरह प्रदूषित नहीं देख सकते। आज गांव के तमाम युवा हमारे साथ है और अब गंगा का किनारा गंदा नहीं रहता। यही कारण है कि अब कर्णवास में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 10:51 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:20 AM (IST)
मन में गंगा समाईं..स्वच्छता की सौगंध उठाई
मन में गंगा समाईं..स्वच्छता की सौगंध उठाई

बुलंदशहर

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नमामि गंगे अभियान के तहत केंद्र सरकार गंगा की सफाई पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रही है लेकिन दशकों बाद भी गंगा का आंचल मैला है। ऐसे में उम्मीद की किरण बनकर आए हैं कर्णवास के कुछ युवा। इन युवकों ने गंगा स्वच्छता की सौगंध उठाकर मोक्षदायिनी की पवित्रता का प्रण लिया है। साथ ही लोगों को जागरूक कर स्वच्छता का दीप भी प्रज्वलित कर रहे हैं।

बुलंदशहर जनपद गंगा के किनारे बसा है। गंगा के किनारे पर पौराणिक कस्बे और गांव बसे हैं। पड़ोसी जनपदों के लोग भी यहां स्नान करने पहुंचते हैं लेकिन घाट और गंगा की सफाई की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। गंगा किनारे बसे गांव कर्णवास के युवाओं ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बड़ा निर्णय लिया, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। गंगा का रूप बिगाड़ रही गंदगी को साफ करने के लिए युवाओं की टीम हर सप्ताह दिल्ली से यहां पहुंचती है। ये लोग अभियान चलाकर घाट किनारे बहने वाली पॉलीथिन, कूड़े आदि को साफ करते हैं।

चार साल पहले गठित की गई श्री गंगा सेवा समिति में शामिल सदस्य कर्णवास के युवक हैं और बाहर निजी कंपनियों में अच्छी जॉब करते हैं। सभी सप्ताह में एक दिन जरूर गंगा की सफाई के लिए अभियान चलाते हैं। पिछले चार साल से यह अभियान लगातार जारी है। समिति के मुखिया आर्यन गौड़ के साथ उनकी टीम में अरविंद ठाकुर, देवेंद्र नागर, कपिल शर्मा, शिवम आदि शामिल हैं। विरोध के बाद भी गांव का पानी रोका

गांव का गंदा पानी वर्षो से गंगा में ही प्रवाहित हो रहा था। युवाओं ने इस पानी को रोकने का कई बार प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण विरोध में खड़े हो गए। बाद में युवा ग्रामीणों को अपनी बात समझाने में कामयाब रहे और पानी की दिशा बदल दी गई। ऐसे ही घर-घर जाकर गंगा की स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया गया। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी स्वच्छता अपनाने और गंगा को स्वच्छ बनाने की सीख दी जा रही है। कर्णवास की पहचान गंगा के कारण ही है। हम अपनी धरोहर को प्रदूषित होते नहीं देख सकते। आज गांव के तमाम युवा हमारे साथ हैं। सफाई रहने के कारण अब कर्णवास में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ रही है।

-आर्यन गौड़, श्री गंगा सेवा समिति के मुखिया


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