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न्यायालय पर पूरा भरोसा, जरूर मिलेगा न्याय

थर्मल पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई जमीन पर करोड़ों रुपये का मुआवजा दिए जाने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 11:13 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 11:13 PM (IST)
न्यायालय पर पूरा भरोसा, जरूर मिलेगा न्याय
न्यायालय पर पूरा भरोसा, जरूर मिलेगा न्याय

बुलंदशहर, जेएनएन: थर्मल पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई जमीन पर करोड़ों रुपये का मुआवजा दिए जाने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। साथ ही पत्रावली पेश करने का आदेश दिया है। इससे जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सके। वहीं दूसरी तरफ उचित मुआवजे और नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों ने न्यायालय के हर फैसले को स्वीकार करने की बात कह रहे हैं और उन्होंने कोर्ट से उचित न्याय मिलने का भरोसा जताया है।

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अरनिया ब्लाक क्षेत्र के गांव दशहरा, दशहरी, ऊंचागांव, जहानपुर और रूकनपुर की करीब 1250 एकड़ भूमि को यूपीएसआइडीसी द्वारा प्लास्टिक नगरी बसाने के लिए सन 1991 में अधिग्रहित किया गया था। किसानों की माने तो उस समय जो मुआवजा दिया गया था। उससे वह संतुष्ट नहीं थे। हालांकि सशर्त उन्होंने वर्ष 1993 में मुआवजा लिया और न्यायालय चले गए थे। जिसके बाद वर्ष 2010 में अधिग्रहित जमीन पर टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन) द्वारा 1320 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाने की बात सामने आई। जिस पर किसान फिर हाईकोर्ट चले गए। वहीं वर्ष 2016 में उन्हें 721 प्रति वर्ग मीटर का मुआवजा किसानों को अनुग्रह राशि बताकर दिया गया। जिससे काफी किसान वंचित भी रहे गए हैं। जिसके बाद से ही किसान उचित मुआवजे और नौकरी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन करते हुए आ रहे हैं। अब हाईकोर्ट द्वारा अधिग्रहित जमीन पर पहले मुआवजा दिए जाने के बाद दुबारा मुआवजा देने पर सख्त रुख अपनाया है। जिसके बाद धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि उन्हें न्यायालय पर न्याय करने का पूरा भरोसा है और जो भी निर्णय होगा। वह उसका पालन करेंगे।

बोले किसान..

उचित मुआवजे और नौकरी की किसान मांग कर रहे हैं। हाईकोर्ट का जो भी निर्णय होगा। किसानों को वह स्वीकृत होगा।

--गजेंद्र सिंह, किसान निवासी ऊंचागांव। सरकार को नियमानुसार सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा देना चाहिए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी मिलनी चाहिए। जिससे किसान अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें।

--सुशीला देवी, किसान निवासी गांव दशहरी।


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