प्रदूषण फैलाने पर चार फैक्ट्रियां सील, कार्रवाई के आदेश
औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण की जांच को डीएम ने प्रशासनिक टीम के साथ आठ फैक्ट्रियों में छापेमारी की।
बुलंदशहर, जेएनएन: औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण की जांच को डीएम ने प्रशासनिक टीम के साथ आठ फैक्ट्रियों में छापेमारी की। जिसमें चार फैक्ट्रियों में एनजीटी के आदेशों का सरेआम उलंघन मिलने पर डीएम ने सील कर दिया और संबंधित फैक्ट्री संचालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
बढ़ते प्रदूषण को लेकर सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में कई फैक्ट्रियों पर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने डीएम रवीन्द्र कुमार के पोटल पर शिकायत दर्ज कराई थी। ग्रामीणों ने बताया कि दिन में फैक्ट्रियां की चिमनियां व नाले बंद रहते है, लेकिन शाम से लेकर तड़के चिमनियां जहां जहरीला धुआं फैलाती है, वहीं नालियों में केमिकल युक्त पानी बहाया जाता है। शिकायतों की जांच के लिए डीएम रवीन्द्र कुमार ने प्रशासनिक टीम व प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों के साथ शुक्रवार की शाम सिकंदराबाद स्थित औद्योगिक क्षेत्र में आठ फैक्ट्रियों में संघन जांच की। डीएम के निशाने पर टासर से ज्वलंतशील तैयार करने वाली व कोयले का प्रयोग करने वाली फैक्ट्री रही। गहन जांच के बाद डीएम ने लकड़ी कोयला जलाकर वायु प्रदूषण फैलाने वाली श्री सोमेश्वर अलॉयन्स, आरवी इंडस्ट्रीज, प्रा. लि. टीएनएस, अमरोहा इंटरप्राइजेज को एनजीटी के आदेशों के तहत मानक पूरे न करने व प्रदूषण फैलाने पर सील करा दिया।एसडीएम रविशंकर सिंह को फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने व प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जुर्माना राशि तय करते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एसडीएम रविशंकर सिंह ने बताया कि प्रदूषण विभाग द्वारा विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है।
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सील हुई फैक्ट्री, जुर्माना तय, फिर भी प्रदूषण
प्रशासन की ओर से समय समय पर प्रदूषण को लेकर फैक्ट्रियों की जांच कर उन्हें सील कराने व जुर्माने की कार्रवाई होती है। लेकिन औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण नहीं रूक रहा। जिसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण इकाई पर सवाल खड़े हो गए है। जो चार माह बाद भी हुई जांच के नमूने की स्थित स्पष्ट नहीं कर सकी है।