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गेहूं क्रय केंद्र पर बोरे नहीं होने से किसान परेशान

शिकारपुर में गेहूं क्रय केंद्र पर बोरे नहीं होने से किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि बारदाने की कमी से किसान का गेहूं की तौल नहीं हो पा रही। जिसके कारण कई कई दिन चक्कर काटने पड़ रहे हैं। गेहूं क्रय केंद्र से संबंधित अधिकारियों का कहना है कि बारदाने की कमी है जिसमें जल्दी ही सुधार किए जाने की आवश्यकता है। जिससे किसानों की परेशानी से निजात मिल जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 10:44 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 10:44 PM (IST)
गेहूं क्रय केंद्र पर बोरे नहीं होने से किसान परेशान
गेहूं क्रय केंद्र पर बोरे नहीं होने से किसान परेशान

बुलंदशहर, जेएनएन। शिकारपुर में गेहूं क्रय केंद्र पर बोरे नहीं होने से किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि बारदाने की कमी से किसान का गेहूं की तौल नहीं हो पा रही। जिसके कारण कई कई दिन चक्कर काटने पड़ रहे हैं। गेहूं क्रय केंद्र से संबंधित अधिकारियों का कहना है कि बारदाने की कमी है जिसमें जल्दी ही सुधार किए जाने की आवश्यकता है। जिससे किसानों की परेशानी से निजात मिल जाएगी।

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शिकारपुर अनाज मंडी स्थित एफसीआई गेहूं क्रय केंद्र पर पिछले कई दिनों से बोरों की कमी चल रही है। जिसके कारण किसान के गेहूं की तोल नहीं हो पा रही। किसान अशोक कुमार ने कहा कि वह कई दिन से चक्कर काट रहा है। लेकिन स्टाफ द्वारा बारदाने की कमी बताई जाती है। दीपक चौधरी का कहना है कि सरकार को गेहूं क्रय केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में बोरे भेजने चाहिए। ताकि किसान की तोल हो सके। गेहूं क्रय केंद्र पर संबंधित अधिकारी कोई नहीं मिला बाद में जानकारी दी गई कि केंद्र प्रभारी मीटिग में गए हैं। बाद में मोबाइल पर सहायक केंद्र प्रभारी दीपक सिंह से बातचीत हुई जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि बोरों की कमी है। लेकिन जल्द ही इसे दूर कर दिया जाएगा। गेहूं कटाई, त्रिस्तरीय चुनाव के चलते बाजार में सन्नाटा पसरा

अनूपशहर में एक तरफ गेहूं की कटाई करके घर के अंदर पहुंचाने की जुगत में लगा किसान, दूसरी तरफ गांव में अधिक से अधिक सम्पर्क करके ग्राम प्रधान पद के लिए वोट का संकलन करना। इन दोनो बातों के चलते बाजारों में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है। जनपद में 29 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है। चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों ने अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पूरे प्रयास प्रारम्भ कर दिए है। कितु किसान ने अपनी एक वर्ष की मेहनत को खेत से समेटकर घर पहुंचाना है। किसान पूरी तरह पक चुके गेहूं को जल्द से जल्द काटकर अपने घर के अंदर सुरक्षित रख लेना चाहता है। प्रधानी के चुनाव से गेहूं काट रहे किसान व मजदूरों को कोई सरोकार नहीं है। पूरे क्षेत्र में गेहूं की कटाई का कार्य काफी तेजी के साथ प्रारम्भ कर दिया गया है। किसान पूरे दिन अपने खेत में लगा रहता है, शाम तक बूरी तरह थक कर रात्रि में सो जाना चाहता है। कितु रात्रि में प्रधान, बीडीसी, ग्राम पंचायत, जिला पंचायत के प्रत्याशी हाथ जोड़कर दरवाजा खटखटाते है। गेहूं कटाई तथा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बाजार में पूरा प्रभाव दिख रहा है। ग्राहक के दर्शन नहीं हो रहे बाजारों में सन्नाटा पसरा रहता है।


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