ड्रेगन बोट रेस में किसान के बेटे ने गाड़े झंडे
भले ही खेल की सुविधाएं जिले में न हों लेकिन प्रतिभा अपना रास्ता तलाश ही लेती हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन: भले ही खेल की सुविधाएं जिले में न हों, लेकिन प्रतिभा अपना रास्ता तलाश ही लेती हैं। ऐसे ही प्रतिभावान खिलाड़ी ने भोपाल में हुई राष्ट्रीय क्याकिग एवं कैनोइंग की ड्रेगन बोट रेस में गोल्ड मेडल जीतकर जिले का नाम बुलंद किया है। शिकारपुर क्षेत्र के इस होनहार खिलाड़ी का गांव में पहुंचने पर स्वागत किया गया।
शिकारपुर क्षेत्र के महमदपुर गांव निवासी अजयवीर पुत्र हरपाल सिंह पटियाला विश्वविद्यालय में रहकर बीए की पढ़ाई कर रहे हैं। वह क्याकिग कैनोइंग के खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के भोपाल में क्याकिग एवं कैनोइंग संघ ने चार दिवसीय आठवीं राष्ट्रीय ड्रेगन रेस का आयोजन किया था। यह प्रतियोगिता 29 से एक सितंबर तक आयोजित की। उन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर 31 अगस्त व एक सितंबर को अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। एक हजार मीटर की ड्रेगन रेस चार मिनट 15 सेकंड में में अपनी बोट को दौड़ाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। संघ ने उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। इसके अलावा पांच सौ मीटर में सिल्वर व 200 मीटर में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
- माता-पिता व कोच ने लगाए पंख
अजयवीर बताते हैं कि पिता मामूली किसान हैं, जबकि मां गृहणी हैं। उनके अलावा एक बहन और एक भाई हैं। परिवार खेती पर निर्भर रहता है। उन्हें बचपन से ही क्याकिग कैनोइंग में रुचि थी। यही कारण है कि पटियाला विवि में जाकर कोच मयंक ठाकुर से बोट रेस की बारीकियां सीखी। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता, परिवार को कोच को दिया है। उन्होंने बताया कि कोच की देखरेख में वह चार माह से इस प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे थे। इससे पहले ट्रायल के आधार पर उनका चयन हुआ था। अब उनकी निगाहें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने पर हैं।