कंपोस्ट खाद से खेत और किस्मत चमका रहे किसान
जिले में केंचुआ खेती के साथ किसानों की आमदनी का जरिया बनता जा रहा है। केंचुआ से वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार कर रसायनिक उर्वरकों की जगह प्रयोग कर खेत और अपनी किस्मत चमका रहे हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। जिले में केंचुआ खेती के साथ किसानों की आमदनी का जरिया बनता जा रहा है। केंचुआ से वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार कर रसायनिक उर्वरकों की जगह प्रयोग कर खेत और अपनी किस्मत चमका रहे हैं। जिले में कई जगह किसान वर्मी कंपोस्ट खाद बना कर केंचुआ और वर्मी कंपोस्ट खाद की बिक्री से अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर रहे हैं। जिले में सैकड़ों किसान बड़े पैमाने पर केंचुआ पालन और वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार कर रहे हैं।
सदर तहसील के मचकोली निवासी किसान प्रवीन कुमार ने बताया कि तीन बीघा जमीन में वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार कर रहे हैं। जिले में कई किसान वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार अन्य प्रांतों में मांग के अनुसार बिक्री कर मुनाफा कमा रहे हैं।
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कम बजट का निवेश कर शत-प्रतिशत अमादनी
गन्ना भुगतान , सब्सिडी, खाद आदि के खर्चों से जूझने वाले किसानों के केंचुआ खाद केवल गोबर पर आधारित आमदनी का माध्यम है। किसानों के लिए केंचुआ और वर्मी कंपोस्ट खाद जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
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बनाने की विधि
केंचुआ खाद बनाने की विधि बेहद आसान है। गोबर को एकत्र कर उसमें केंचुआ छोड़ कर दो माह तक छोड़ दिया जाता है। 40-50 फीट में एक बैड तैयार किया जाता है। खाद 10 दिन से 45 दिन में तैयार हो जाता है। 20 कुंतल गोबर में एक किलो केंचुआ डालकर 14 कुंतल वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार हो जाता है।
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बोले किसान
वहलीमपुरा निवासी उर्मिला देवी, मचकोली निवासी प्रवीन कुमार, औलिना निवासी अशोक कुमार, काजमपुर देवली निवासी मुक्तार सिंह व खुर्जा जंक्शन निवासी संतोष कुमार ने बताया कि जिले में वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करने और फसलों में इस खाद का प्रयोग करने का चलन बढ़ा है। वर्मी कंपोस्ट खाद से किसानों की आय में इजाफा हो रहा है। किसान 4 रुपये से लेकर 15 रुपये प्रति किलों के हिसाब से बेचकर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं।
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इन्होंने कहा ..
जिले में किसान वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार कर खेती और अपनी आय बढ़ा रहे हैं। किसान बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार कर रहे हैं, जोकि खेती और किसानों के लिए फायदे का काम है।
- डा. शिव सिंह प्रभारी सरदार बल्लभ भाई पटेल अनुसंधान केंद्र।