निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग
अनूपशहर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार द्वारा स्ववित्त पोषित विद्यालयों के लिए विधेय
अनूपशहर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार द्वारा स्ववित्त पोषित विद्यालयों के लिए विधेयक लागू किया है, लेकिन निजी स्कूल संचालक आज भी विभिन्न मदों के नाम पर अभिभावकों की जेब ढीली कराते हैं।
बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम सदानंद गुप्ता को ज्ञापन सौंपा, जिसमें बताया कि प्रदेश सरकार ने तीन अप्रैल को स्ववित्त पोषित स्कूलों के लिए विधेयक लागू किया है। लेकिन क्षेत्र में संचालित कोई भी निजी स्कूल संचालक इसका पालन नहीं कर रहा। आरोप है कि सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड से संबंधित निजी विद्यालय शुल्क व पाठ्य पुस्तक और यूनीफार्म के नाम पर विद्यार्थियों के अभिभावकों की जेब ढीली कराते हैं। कहा कि सरकार अभिभावकों को निजी स्कूलों की मनमर्जी से बचाए। ज्ञापन में मांग रखी गई कि सभी विद्यालयों में शिक्षक-अभिभावक संघ का गठन हो, गैर मान्यता प्राप्त, मानक पर खरे न उतरने वाले स्कूलों को तत्काल बंद कराया जाए। टापर्स के नाम पर कुछ विद्यार्थियों को कक्षा में विशिष्ट वैज व यूनीफार्म जारी कर छात्र-छात्राओं में विभेद न किया जाए। उक्त मांगों को एक सप्ताह में पूरा न किए जाने पर परिषद ने आन्दोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन पर विशाल, सचिन, गौरव गुप्ता, मुकेश शर्मा, आयुष्मान ठाकुर, अखिल सक्सेना, कनिष्क भटनागर आदि ने हस्ताक्षर हैं।