'भ्रम' के भंवर में फंसी आर्थिक गणना
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पनपा भ्रम लोगों के जेहन में ऐसा घर कर गया है कि जिले में चल रही आर्थिक गणना का ब्यौरा देने से कुछ लोगों ने इन्कार कर दिया।
बुलंदशहर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पनपा भ्रम लोगों के जेहन में ऐसा घर कर गया है कि जिले में चल रही आर्थिक गणना का ब्यौरा देने से कुछ लोगों ने इन्कार कर दिया। जिले में कई जगह पर गणना कर रही सीएससी टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध के चलते अब टीम को जिला प्रशासन, पुलिस के साथ ग्राम प्रधानों का सहारा लेना पड़ रहा है।
जिले में जनवरी से अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग के नेतृत्व में सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) की टीम ने आर्थिक गणना शुरू की। टीम जिलेभर में छोटे-बड़े कारोबारी और उद्योगपतियों का ब्योरा एकत्र कर रही है। शुरू में गणना का काम ठीक रहा, लेकिन इस बीच सीएए को लेकर बनी भ्रम की स्थिति ने काम में बाधा डाल दी। अब हाल यह है कि कई स्थानों पर विशेष समुदाय के कारोबारियों ने भ्रम के चलते जानकारी देने से साफ इन्कार कर दिया। विरोध करने वालों के मन में शंका है कि गणना सीएए को लेकर की जा रही है। बाद में इसके परिणाम गलत होंगे। डिबाई और शिकारपुर में अधिक विरोध
दस दिन पहले डिबाई में आर्थिक गणना करने गई टीम का कुछ लोगों ने महिलाओं के साथ मिलकर विरोध किया और ब्यौरा देने से इन्कार कर दिया। विरोध के अगले दिन एसडीएम संजय कुमार सिंह, नगर पालिका चेयरमैन कयाम गाजी और ईओ शमशेर पुलिस को साथ लेकर विरोध करने वालों के बीच पहुंचे और समझाकर गणना के लिए राजी किया। उधर, शिकारपुर में भी एसडीएम वेदप्रिय आर्य को भी इसी तरह के विरोध का सामना करना पड़ा। इन क्षेत्रों में हो रहा टीम का विरोध
सीएससी प्रभारी पीयूष चौधरी ने बताया कि जनपद के करीब साढे़ तीन सौ गांवों में टीम का विरोध हुआ है। फिलहाल 951 में से दो माह में 602 ग्राम पंचायतों का ही डाटा एकत्र हुआ है। वर्तमान में भी पहासू, अरनिया, खुर्जा, अगौता और सिकंदराबाद में टीम का विरोध हो रहा है। इन्होंने कहा..
डिबाई में टीम के विरोध की सूचना मिली तो पालिका चेयरमैन और ईओ को साथ लेकर लोगों से अपील की गई और आर्थिक गणना की सही जानकारी दी गई। इसके बाद लोगों ने विरोध बंद कर सहयोग किया।
- संजय कुमार सिंह, एसडीएम, डिबाई।