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जिला प्रशासन हुआ रहमदिल, राहगीरों को मिली मंजिल

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए भले ही जिला प्रशासन दिन-रात जुटा है। लेकिन शनिवार की सुबह से लेकर दोपहर तक भूड़ चौराहे पर दिल्ली की ओर से चलकर आए यात्रियों को रोडवेज की बसों में बैठाकर रवाना किया गय।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 10:46 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 06:00 AM (IST)
जिला प्रशासन हुआ रहमदिल, राहगीरों को मिली मंजिल
जिला प्रशासन हुआ रहमदिल, राहगीरों को मिली मंजिल

बुलंदशहर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए भले ही जिला प्रशासन दिन-रात जुटा है। लेकिन शनिवार की सुबह से लेकर दोपहर तक भूड़ चौराहे पर दिल्ली की ओर से चलकर आए यात्रियों को रोडवेज की बसों में बैठाकर रवाना किया गय। हालांकि राहगीरों का न सैनिटाइजर कराया गया और न ही मास्क पहनाए गए।

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उधर, दो दिन पहले मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि कुछ जिलों में राहगीरों को बसों से सफर कराकर घरों तक पहुंचाया जा रहा है। जो लॉकडाउन संबंधी आदेशों का उलंघन है। जिला प्रशासन शेल्टर हाऊस स्थापित कर इन राहगीरों को खाद्य एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए। लेकिन जनपद में खुर्जा को छोड़कर कही पर भी शैल्टर हाउस में राहगीरों को नहीं रोका गया।

गैस सिलेंडर से भरी गाड़ी में बैठाए यात्री

भूड़ चौराहे पर एडीएम प्रशासन रविद्र कुमार के नेतृत्व में टीम ने रोडवेज बसों के साथ-साथ डग्गामार वाहनों में भी राहगीरों को बैठाकर रवाना किया। इस दौरान गैस सिलेंडर से भरी गाड़ियों में भी राहगीरों को बैठा दिया गया। इतना ही नहीं पेट्रोल सप्लाई करने जा रहे टैंकर पर भी युवाओं और बुजुर्गों को बैठाया और अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना किया। कुछ यात्री टैंकर के पीछे लटकर यात्रा करते नजर आए। 25 बसों ने लगाए दो-दो फेरे

जिला प्रशासन के आदेश पर 25 रोडवेज की बसें शुक्रवार की रात करीब 12:30 बजे लगा राहगीरों की यात्रा के लिए लगाई गई। ये बसें बदायूं बरेली, अलीगढ़ और एटा के लिए रवाना हुई। इन बसों ने दो-दो फेरे किए हैं। बसों और डग्गामार वाहनों से सात हजार से अधिक यात्रियों को भेजा गया है। दिव्यांगों ने किया लंबा सफर तय

गाजियाबाद से दो दिव्यांग एक ट्राइसाइकिल के सहारे गाजियाबाद से लंबा सफर तय करके बुलंदशहर के भूड़ चौराहे पर पहुंचे। रास्ते में दो अन्य लोगों ने भी अपना सामान इस ट्राइसाइकिल में रख लिया और धकेलते हुए 60 किमी का लंबा सफर तय किया। दिव्यांग बलवीर सिंह और विवेक ने बताया कि गाजियाबाद में एक कंपनी में काम करते हैं। कोरोना वायरस के चलते कंपनी बंद होने वह अपने पैतृक नगर फर्रुखाबाद लौट रहे हैं। इन्होंने कहा..

राहगीरों को रोडवेज बसों के द्वारा कहीं नहीं पहुंचाया गया। यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है।

- रविद्र कुमार, एडीएम प्रशासन

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बाहर से आए यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए 25 बसों को भेजा गया है। दो-दो फेरे लगाए गए हैं।

- धीरज पंवार, एआरएम


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