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गोमता खाएंगी पैकेटबंद चारा..मोटी होगी दूध की धारा

गोमाता को अब पूरे साल हरा चारा उपलब्ध रहेगा। सिकंदराबाद क्षेत्र की रघुनाथ गोशाला में हरे चारे की पैकिंग की व्यवस्था की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 11:03 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 11:03 PM (IST)
गोमता खाएंगी पैकेटबंद चारा..मोटी होगी दूध की धारा
गोमता खाएंगी पैकेटबंद चारा..मोटी होगी दूध की धारा

सिकंदराबाद (बुलंदशहर) :गोमाता को अब पूरे साल हरा चारा उपलब्ध रहेगा। सिकंदराबाद क्षेत्र की रघुनाथ गोशाला में हरे चारे की पैकिंग की व्यवस्था की जा रही है। जाहिर है कि जब हर मौसम में उन्हें हरा चारा मिलेगा तो सेहत सुधरने के साथ दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। काम शुरू होने के बाद यह चारा अन्य गोशालाओं को भी उपलब्ध कराया जाएगा। पूरे साल उपलब्ध नहीं रहता हरा चारा

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प्रदेश सरकार गायों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। सिकंदराबाद में भटपुरा रोड स्थित रघुनाथ गोशाला में साहीवाल नस्ल की 300 से अधिक गाय हैं। गायों की सेहत व दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के मकसद से यहां विभिन्न तकनीक का प्रयोग होता रहता है। बरसीम, ज्वार, जई जैसा हरा चारा हर मौसम में उपलब्ध नहीं रहता। इससे गायों की सेहत प्रभावित होने के साथ दुग्ध क्षमता भी घट जाती है। मशीन से होगी कटाई और पैकिंग

गोशाला में हर मौसम में हरा चारा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए फारेज हार्वेस्टर मशीन से खेतों से चारा कटेगा। कटे चारे की पैकिंग साइलेज मशीन से 50-50 किलो के बैग में की जाएगी। ऐसे रहेगा सुरक्षित

कटा हुआ चारा आक्सीजन के संपर्क में आकर खराब होता है। वैक्टीरिया पनपने से यह जहरीला भी हो जाता है। कटे चारे को तत्काल एयर टाइट बैग में पैक किया जाएगा। यह चारा आठ-दस माह तक खाने योग्य रहेगा। बर्फीले इलाकों में प्रयोग होती है तकनीक

ब्राजील समेत तमाम ऐसे देश हैं, जहां छह माह से अधिक बर्फबारी होती है। बर्फ के कारण खेतों में खड़ा चारा गल जाता है, जिससे हरे चारे का संकट रहता है। सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले ब्राजील ने उक्त मशीन तैयार की है। ऐसे होता है काम

इसके लिए फारेज हारवेस्टर मशीन, एक ट्रैक्टर, ट्राली व साइलेज मशीन का प्रयोग होता है। फारेज हारवेस्टर से खेत में खड़ा हरा चारा कटता है, जो साथ चलने वाली ट्रैक्टर-ट्राली में गिरता है। इसके बाद इसी मशीन से चारे के छोटे टुकड़े किए जाएंगे। साइलेज मशीन से इसकी पै¨कग होगी। मशीन के पूरे सेट की कीमत 20 लाख

गोशाला के टेक्नीशयन चौधरी ब्रजवीर ¨सह ने बताया कि साइलेज मशीन को आगरा की विधाता कंपनी बना रही है। साइलेज मशीन की कीमत ढाई लाख रुपये है। सभी मशीनों को मिलाकर पूरे सेट की कीमत लगभग 20 लाख रुपये है।

सीजन के दौरान गोशाला में हरा चारा पैक कराया जाएगा, ताकि पूरे साल हरे चारे की उपलब्धता रहे। समिति की योजना आसपास संचालित गोशालाओं के लिए कम लागत पर हरा चारा मुहैया कराने की है।

-घनश्याम बिहारी मित्तल

संरक्षक, रघुनाथ गोशाला सेवा समिति


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