काम पर नहीं गए, पीने बैठ गए
सिकंदराबाद के जीतगढ़ी गांव में शराब पीने वालों में अधिकांश श्रमिक हैं। गुरुवार को खराब मौसम की वजह से अधिकांश लोग काम पर नहीं जा सके। कुछ ने दिन में तो कुछ ने शाम को शराब पी। रात होते-होते उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। पांच असमय काल के गाल में समा गए तो 19 अस्पताल में जिदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। जिला अस्पताल में भर्ती पीड़ितों ने अपनी आपबीती सुनाई।
जेएनएन, बुलंदशहर। सिकंदराबाद के जीतगढ़ी गांव में शराब पीने वालों में अधिकांश श्रमिक हैं। गुरुवार को खराब मौसम की वजह से अधिकांश लोग काम पर नहीं जा सके। कुछ ने दिन में तो कुछ ने शाम को शराब पी। रात होते-होते उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। पांच असमय काल के गाल में समा गए तो 19 अस्पताल में जिदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। जिला अस्पताल में भर्ती पीड़ितों ने अपनी आपबीती सुनाई।
बिगड़ी तबीयत, आने लगे चक्कर
सैटरिग का काम करने वाले ऋषिपाल पुत्र रनवीर ने बताया कि गुरुवार को काम से छुट्टी की और रात्रि आठ बजे गांव से ही देशी शराब का पव्वा खरीदा। पीने के बाद रात करीब दस बजे चक्कर आने लगे। रात्रि में जब लोगों की शराब पीने से मौत की सूचना मिलने लगी तो वह घबरा गए। सुबह स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे भी सरकारी अस्पताल में भर्ती किया।
घर पहुंचते ही अचेत हुए
औद्योगिक क्षेत्र में बेलदारी करके गुरुवार शाम घर लौटे भगवत पुत्र नत्थी ने बताया कि रास्ते में रजवाहा पुल पर अपने एक साथी के साथ देशी शराब पीने बैठ गए। उसी समय कमजोरी महसूस होने लगी। किसी तरह घर पहुंचा, लेकिन वहां पहुंचते ही अचेत हो गए। गांव में अन्य लोगों की मौत होने के बाद सुबह जिला अस्पताल आ गए।
पेट में बनने लगी गैस
वीरेंद्र पुत्र सुक्खा सिंह ने बताया कि गुरुवार को चिनाई का काम नहीं होने के कारण दिन में करीब 11 बजे गांव से खरीदी हुई शराब पी ली। रात में पता चला कि शराब पीने से कलुआ की मौत हो गई है। इस चिंता में पूरी रात जागकर काटी। दिन निकलते ही उन्हें भी कपकपी छूटने लगी। पेट में गैस की शिकायत हुई। इसके बाद जिला अस्पताल में भर्ती हो गए।
सुबह उठते ही होने लगीं उल्टियां
गांव के किसान अजय पुत्र श्योदान ने बताया कि शाम 6.30 बजे गांव से शराब खरीदी। इसे पीकर रात में सो गए। सुबह उठे तो उल्टियां शुरू हो गई। इसी बीच गांव में शराब पीने से हुई मौतों की जानकारी मिली। तबीयत खराब होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जिला अस्पताल ले आई, जहां डायलसिस रूम में भर्ती करा दिया। दिन निकलते ही गांव में अफरातफरी
संजय पुत्र वेदराम गुरुवार को मौसम खराब होने पर मजदूरी के लिए नहीं गए। उन्होंने बताया कि शाम को गांव से ही खरीदकर शराब पी। खाना खाकर रात में सो गए। देर रात उल्टी होने लगीं। सुबह से गांव में अफरातफरी मची थी। मुझे भी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।