श्रद्धालुओं ने घर में कलश स्थापित कर की मां की आराधना
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने और भीड़ को एकत्र नहीं होने के कारण जिले भर के सभी मंदिरों के कपाट बंद है। बुधवार को शहर से लेकर देहात तक नवरात्र के पहले दिन श्रद्धालुओं ने अपने घर के पूजाघरों में विधि-विधान के साथ कलश स्थापना कर पूजा अर्चना की। नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ रूपों के दर्शन किए जाते हैं और उनकी अराधना की जाती है।
बुलंदशहर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने और भीड़ को एकत्र नहीं होने के कारण जिले भर के सभी मंदिरों के कपाट बंद है। बुधवार को शहर से लेकर देहात तक नवरात्र के पहले दिन श्रद्धालुओं ने अपने घर के पूजाघरों में विधि-विधान के साथ कलश स्थापना कर पूजा अर्चना की। नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ रूपों के दर्शन किए जाते हैं, और उनकी अराधना की जाती है।
चैत्र नवरात्रि में नौ देवियों की आराधना से पूर्व घट स्थापना या कलश स्थापना किया जाता है। कलश स्थापना मुख्यत: नौ दिन तक व्रत रखने वाले लोग करते हैं, लेकिन कई जगहों पर जो लोग नवरात्रि में प्रतिपदा और अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं। वे भी कलश स्थापना करते हैं। कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में किया जाता है, ऐसा करना फलदायी माना जाता है। इस बार बार महामारी के चलते सभी मंदिरों के कपाट बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को घर पर कलश स्थापना कर मां की आराधना की। नगर के आदर्श नगर निवासी अमित कुमार सिंह ककोड़ इंटर कालेज में प्रवक्ता है। अमित कुमार बताते है कि वह पिछले तीन दशक से नवरात्र में पूरे उपवास रखते है। महामारी के चलते सभी मंदिरों के कपाट बंद होने के कारण इस बार उन्होंने अपने पूजा घर में विधि-विधान के साथ कलश स्थापित कर हवन के साथ मां की आराधना की। वहीं आस-पास के लोग भी अपने घरों पर ही रहकर कलश स्थापित कर मां की आराधना कर रहे हैं।