मां चंद्रघंटा की आराधना का श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नत
शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को दुर्गा मां के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा की आराधना की गई। मंदिर गेट से ही श्रद्धालुओं ने मातारानी के दर्शन किए।
बुलंदशहर, जेएनएन। शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को दुर्गा मां के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा की आराधना की गई। मंदिर गेट से ही श्रद्धालुओं ने मातारानी के दर्शन किए और मनोकामना स्तंभ पर चुन्नी बांधी। साथ ही मंदिर की परिक्रमा लगाकर मां दुर्गा से मन्नतें मांगी।
श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर पर नवरात्रि के उपलक्ष्य में श्रद्धालु गेट से ही मातारानी की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। सोमवार को श्रद्धालुओं ने सुबह सात बजे मां दुर्गा की आरती में भाग लिया। वहीं तीसरी नवरात्र को मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा विधि-विधान के साथ की गई। मंदिर के आजीवन सचिव डा. मोहनलाल ने बताया कि बताया कि देवासुर संग्राम में देवी ने घंटे की नाद से अनेकानेक असुरों का दमन किया था। जिसके बाद ऐसा शोर और नाद हुआ कि असुर काल का ग्रास बन गए। चंद्रमा शांति का प्रतीक है और घंटा नाद का। माता चंद्रघंटा शांति के साथ नाद का संदेश देती है। देवी की आराधना में नाद पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि गेट से श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा रहे हैं। वहीं श्रद्धालु मंदिर की परिक्रमा और मनोकामना स्तंभ पर चुन्नी बांधकर मातारानी से मन्नतें मांगी।