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उप मुख्यमंत्री ने किया बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण

सिकंदराबाद यूपी बोर्ड परीक्षाओं की सत्यता जानने पहुंचे उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने क्षेत्र

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 11:02 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 11:02 PM (IST)
उप मुख्यमंत्री ने किया बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण
उप मुख्यमंत्री ने किया बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण

सिकंदराबाद : यूपी बोर्ड परीक्षाओं की सत्यता जानने पहुंचे उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने क्षेत्र के तीन परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। एक परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी की दो की जगह एक मिलने पर केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश दिए। इसके अलावा परीक्षा नकलविहीन होने पर उन्होंने संतोष जताया।

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शुक्रवार की सुबह की पाली में यूपी बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में चित्रकला आलेख व रंजनकला की परीक्षा थी। परीक्षा शुरू हुए अभी एक ही घंटा हुआ था कि अचानक सिकंदराबाद क्षेत्र में उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री डा. दिनेश शर्मा पहुंच गए। देर रात सूचना मिलने के कारण एडीआइओएस डा. पूरण ¨सह टीम के साथ पहले ही पहुंच चुके थे। उपमुख्यमंत्री सबसे पहले नगर के एमएस इंटर कालेज पहुंचे। यहां उन्होंने केंद्र व्यवस्थापक के कार्यालय में लगे सीसीसीटी स्क्रीन व परीक्षा कक्षों में जाकर कैमरों की जांच की। साथ ही परीक्षार्थियों से पूछताछ की। यहां सब कुछ बेहतर मिलने के बाद बाद वह जैन इंटर कालेज पहुंचे। यहां हर परीक्षा कक्ष में दो की जगह एक सीसीटीवी व वॉइस रिकार्ड में कमी पाए जाने पर उन्होंने केंद्र व्यवस्थापक को आड़े हाथ लिया। दो दिन के भीतर एक और सीसीटीवी कैमरा प्रत्येक कक्ष में और वॉइस रिकार्डर पूरी तरह ठीक काम करने वाला लगाने की चेतावनी दी। इसके अलावा उन्होंने अग्रसेन इंटर कालेज का भी निरीक्षण किया। इस केंद्र पर सभी व्यवस्था सही पाए जाने पर उन्होंने एडीआइओएस से संतोष जताया।

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बच्चों को रोजगार परक बनाने को किए परिवर्तन

पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद माध्यमिक स्तर के बच्चों को रोजगारपरक बनाना है। इसलिए शिक्षा पद्धति में आमूलचूल परिवर्तन किए गए हैं। प्रदेश को डिग्री धारक बेरोजगार नहीं बल्कि रोजगार परक डिग्रीधारक चाहिए। पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए एनसीआरटी की किताबों की व्यवस्था कराई। स्कूलों में अधिक से अधिक पढ़ाई हो। इसलिए कई छुट्टियों को निरस्त किया। परीक्षाओं में पहले ढाई माह खर्च होता था, उसे घटाकर मात्र 14 व 16 दिन में परीक्षा पूरी कराई जा रही हैं। नकलविहीन परीक्षाओं के लिए शिक्षा अधिकारियों व अभिभावकों के साथ बच्चों की भी राय लेने यह व्यवस्था की है।


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