स्वच्छता का संदेश देकर यात्र सम्भल के लिए रवानाBulandshahar News
बुलंदशहर के बंसीघाट पर बुधवार को उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की अगुआई में गंगा यात्रा निकाली गई। इस दौरान आमजन ने स्वच्छता और संरक्षण का संकल्प लिया।
बुलंदशहर, जेएनएन। गंगा किनारे बंसीघाट पर बुधवार की सुबह गंगा यात्र के रथ को जिले से सम्भल के लिए रवाना करने से पहले सदानीरा का आचमन अतिथियों ने किया। इस दौरान हर-हर गंगे, गंगा मैया की जय के उद्घोष के बीच आमजन ने स्वच्छता और संरक्षण का संकल्प लिया। लोगों ने एक बार फिर फूलों की बरसात कर यात्र को आगे के सफर के लिए शुभकामनाएं दीं। करीब दस बजे यात्र सम्भल के लिए रवाना हो गई।
मंगलवार को उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की अगुवाई में गंगा यात्र ने जनपद के स्याना क्षेत्र से अपना सफर गंगा किनारे के गांवों में शुरू किया। यात्र का रथ औरंगाबाद, जहांगीराबाद से होते हुए सड़क मार्ग से अनूपशहर पहुंचा। कई घंटों की देरी से पहुंची यात्र के स्वागत के लिए यहां हजारों की भीड़ थी। मस्तराम घाट पर कुछ देर के संबोधन के बाद यात्र अनूपशहर से सड़क मार्ग से होकर राजघाट पहुंची। यहां गंगा यात्र दल के सदस्यों ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद यात्र का सफर नावों में शुरू हुआ और करीब पांच किमी का सफर तय कर यात्र रात 12 बजे नरौरा के बंसीघाट पर पहुंची। यहां अतिथियों ने गंगा आरती की और जनसभा को भी संबोधित किया। इसके बाद यात्र में शामिल अतिथियों ने रात्रि विश्रम किया। बुधवार सुबह नरौरा के बंसीघाट पर पंडित अखिलेश शर्मा के आचार्यत्व में गंगा यात्र दल के समस्त सदस्यों ने मां गंगा का विधि-विधान से पूजन किया। अतिथियों ने गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए जागरूक होकर जनभागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प दिलाया। पूजन के पश्चात मंत्री सुरेश खन्ना, सुरेश राणा, कपिलदेव अग्रवाल, महेश गुप्ता गंगा यात्र रथ को लेकर सम्भल के लिए रवाना हुए।
मोक्षदायिनी, प्राणदायिनी व अर्थदायिनी है गंगा: राणा
बुलंदशहर, जेएनएन। गंगा यात्र मंगलवार की रात करीब 12 राजघाट से नरौरा के बंसीघाट पर नौका द्वारा पहुंची। यहां पहुंचते ही गंगा मां के जयकारों की गूंज ने क्षेत्र को आस्था और श्रद्धा से भर दिया। गंगा किनारे पर घंटों से इंतजार कर हजारों की संख्या में लोगों ने यात्र का स्वागत किया। गंगा के किनारे पर आयोजित सभा में गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने जहां गंगा को मानव जीवन के लिए जरूरी बताया वहीं मोक्षदायिनी, प्राणदायिनी और अर्थदायिनी होने पर भी अपनी बात ही। भगीरथी की जलधारा के बीच मंगलवार की रात फूलों और रंगबिरंगी रोशनी से सजी नौका और उनमें स्वच्छता का संकल्प लिए सवार अतिथियों का जोश सर्दी में भी माहौल का आस्था के रोमांच में डूबाए था। घंटों की देरी से यात्र अपने जिले के अंतिम पड़ाव नरौरा पहुंची। यहां पर गंगा की आरती की गई और इसके बाद अतिथि सभा स्थल पर पहुंचे और मंच पर पहुंचते ही गंगे मैया की जयकारों से पूरा पंडाल गूंज उठा।