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डेंगू-मलेरिया से बचाव को विभाग का मच्छरों पर वार

जनपद में मलेरिया व डेगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पुख्ता प्रबंध किए है। मलेरिया से प्रभावित गावों में फागिग कराई जा रही है। ासाथ ही बचाव के लिए लोगों मुफ्त दवाइया वितरित की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 09:02 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 09:02 PM (IST)
डेंगू-मलेरिया से बचाव को विभाग का मच्छरों पर वार
डेंगू-मलेरिया से बचाव को विभाग का मच्छरों पर वार

बुलंदशहर, जेएनएन। जनपद में मलेरिया व डेगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पुख्ता प्रबंध किए है। मलेरिया से प्रभावित गावों में फागिग कराई जा रही है। ासाथ ही बचाव के लिए लोगों मुफ्त दवाइया वितरित की जा रही है। इतना ही नहीं डेंगू से बचाव के लिए टीमें एंटी लार्वा को निष्क्रिय करने का काम भी कर रही हैं। साथ ही लोगों को जागरुक किया जा रहा है कि वह घरों के आसपास पानी एकत्रित न होने दें। जिला मलेरिया अधिकारी डा. वीके श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम में बदलाव के दौरान डेंगू का खतरा बना रहता है। हालांकि अपने जिले में अभी तक कोई केस नहीं मिला है, लेकिन फिर भी लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। विभाग की ओर से जिले में बचाव के लिए सभी गावों में फागिग करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर के हर मोहल्ले और गांव में टीमें फागिग कर रही हैं। जिले में अब तक डेगू व मलेरिया से कोई मौत नहीं हुई है। विभाग के कर्मचारी गावों में लोगों को जागरूक करने के लिए पंपलेट बाटे रहे है। उन्होंने बताया कि डेगू से बचाव संभव है तथा यह एक तरह का वायरल बुखार है जो कि एडिज मच्छर के काटने से होता है। उन्होंने कहा कि नालियों, गमलों, कूलर और पानी की टकियों आदि में कहीं भी पानी एकत्रित न होने दें। - डेंगू से ऐसे करें बचाव

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डेगू फैलाने वाला मच्छर खड़े हुए साफ पानी में पनपता है। अपने आसपास पानी खड़ा न होने दें। पानी की टकियों व फ्रिज की ट्रे, फूलदान व टायर आदि में पानी एकत्रित न होने दें। पानी से भरे हुए बर्तनों व टकियों आदि को ढक कर रखें। कूलर को खाली करके सुखा दें। साथ ही कोरोना काल में अधिक सतर्कता बरतें। डेगू के लक्षण::::::

- अचानक तेज सिर दर्द व बुखार का होना।

- मासपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।

- आखों के पीछे दर्द होना, जोकि आखों के घुमाने से बढ़ता है।

- जी मिचलाना एवं उल्टी होना।

- गंभीर मामलों में नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकते उभरना।


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