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जिले की धरती पर आकार लेने लगा है डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर

पश्चिम बंगाल से पंजाब के लुधियाना तक निर्माणाधीन रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजना डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर अब जिले की जमीन पर आकार लेने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 11:24 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 11:24 PM (IST)
जिले की धरती पर आकार लेने लगा है डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर
जिले की धरती पर आकार लेने लगा है डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर

नवनीत शर्मा, बुलंदशहर

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पश्चिम बंगाल से पंजाब के लुधियाना तक निर्माणाधीन रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजना डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर अब जिले की जमीन पर आकार लेने लगी है। परियोजना के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया को लगभग पूर्ण कर लिया गया है। अब तेजी से जमीन को समतल कर ट्रैक डालने का काम भी शुरू कर दिया गया है। अगले दो वर्षों खुर्जा से सहारनपुर के बीच में रेलवे ट्रैक का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

रेलवे के अति महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शुमार ईस्टर्न कॉरीडोर के निर्माण कार्य में पिछले कुछ समय से काफी तेजी आई है। निर्माण कंपनी एलएनटी ने खुर्जा और सहारनपुर के पिलखनी के बीच बनने वाली ¨सगल लाइन को बिछाने का काम तेजी से शुरू किया है। हालांकि अभी खुर्जा में परियोजना के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि के अधिक मुआवजे की मांग को लेकर किसान संगठन विरोध जता रहे हैं, लेकिन इस विरोध का सीधा असर परियोजना पर नहीं है। खुर्जा से बुलंदशहर के बीच करीब बीस किमी लंबे कॉरीडोर का ट्रैक फाउंडेशन तैयार हो चुका है और मिट्टी भराव जारी है। कुछ स्थानों पर पत्थर डालकर ट्रैक डालने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा पिछले काफी समय से बराल के पास खड़े पेड़ों के कटान को लेकर काम रूका हुआ था, अब रेलवे और वन विभाग के बीच सहमति बन जाने से पेड़ों का कटान भी शुरू करा दिया है। जिले में अगले कुछ माह में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का काफी हिस्सा बनकर तैयार हो जाएगा।

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मालगाड़ियों की बढ़ जाएगी रफ्तार

रेलवे का माल ढुलाई ढांचा मजबूत करने के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर निर्णयक साबित होगा। इस कॉरीडोर के तैयार होने के बाद मालगाड़ियों की रफ्तार करीब सौ किमी प्रति घंटा हो जाएगी। पंजाब से पश्चिम बंगाल के बीच में पड़ने वाले राज्यों को भी इस कॉरीडोर से काफी लाभ मिलेगा। फ्रेट कॉरीडोर की राह के सभी राज्यों का माल आयात और निर्यात में काफी कम समय लगेगा। 2021 तक डाला जाएगा 222 किमी ट्रैक

अति महत्वपूर्ण परियोजना होने के कारण रेलवे के साथ केंद्र सरकार की भी इस पर सीधी निगाह है। सरकार हर माह परियोजना की समीक्षा भी कर रही है। खुर्जा से सहारनपुर के बीच करीब 222 किमी लंबे ट्रैक को तैयार करने के लिए जून 2021 तक का समय निर्धारित किया है। निर्माण में जुटी कंपनी ने बुलंदशहर से हापुड़ के बीच मिट्टी भराव का काम तेजी से शुरू किया है। परियोजना पर एक नजर

-पश्चिम बंगाल के दानकुनी से पंजाब के लुधियाना तक होगा निर्माण।

-1839 किमी है डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर की कुल लंबाई।

-परियोजना नौ राज्यों से होकर गुजरेगी।

-मेरठ मंडल में 1564 करोड़ रुपये से हुआ है भूमि का अधिग्रहण।

- खुर्जा से सहारनपुर के बीच 222 किमी बिछाया जाएगा रेलवे ट्रैक।

-वर्ष 2021 तक इस हिस्से को पूरा करने के लिए निर्धारित है समय-सीमा।

-पश्चिम उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ, बागपत, सहारनपुर में होंगे स्टेशन। इन्होंने कहा ..

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के निर्माण से समय और माल भाड़े की काफी बचत होगी। समय से निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिए हर माह समीक्षा हो रही है और तेजी से ट्रैक बिछाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। शीघ्र ही खुर्जा से बुलंदशहर के बीच ट्रैक डालने का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

-दीपक कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे।


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