जर्जर और ढीली विद्युत लाइन बन रहे हादसों का सबब
ऊर्जा निगम ने देहात क्षेत्र में आबादी और जंगल की लाइन भले ही अलग-अलग कर दी है। लेकिन विभाग देहात क्षेत्र में झूलती हुई एचटी और एलटी लाइन का निगम नहीं बदल पाया है। जर्जर हो चुकी विद्युत लाइन से आए दिन होने वाले हादसों के बावजूद भी विभाग झूलती हुई विद्युत लाइन को नहीं बदल पाया है।
बुलंदशहर, जेएनएन। ऊर्जा निगम ने देहात क्षेत्र में आबादी और जंगल की लाइन भले ही अलग-अलग कर दी है। लेकिन विभाग देहात क्षेत्र में झूलती हुई एचटी और एलटी लाइन का निगम नहीं बदल पाया है। जर्जर हो चुकी विद्युत लाइन से आए दिन होने वाले हादसों के बावजूद भी विभाग झूलती हुई विद्युत लाइन को नहीं बदल पाया है।
जिले के देहात क्षेत्र में कई दशक पुरानी लाइन अधिकांश लाइन जर्जर है। देहात क्षेत्र में विद्युत लाइन के जर्जर होने से गर्मी के मौसम में चिगारी से फसल जल कर नष्ट हो जाती है। वहीं बरसात के मौसम में करंट की चपेट में आकर किसानों की मौत भी हो जाती है। इतना सबकुछ होने के बाद भी विभाग ने जर्जर एचटी और एलटी लाइन को खींचवाने के साथ बदलवाने के लिए ठोस योजना तैयार नहीं की है।
150 लोगों की हादसों में हुई मौत
निगम की जर्जर लाइन और ढीली लाइनों की चपेट में आकर पिछले तीन साल में जिले में लगभग 150 लोगों की मौत हो चुकी है। निगम ने बिजली हादसों में मृतकों के स्वजनों को आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई हैं। इन्होंने कहा..
बजट के अभाव में जर्जर लाइन विद्युत लाइन नहीं बदल पा रही है। जर्जर लाइन बदलवाने के लिए समय-समय पर इस्टीमेट बनाकर भेजे जाते रहते हैं। लेकिन जर्जर विद्युत लाइन नहीं बदल पाई हैं।
-आरपीएस तोमर, मुख्य अभियंता ऊर्जा निगम