ईएसआइ व ईपीएफ घपले के मामले में कोर्ट ने चार ठेकेदारों को किया तलब
नगरपालिका में सालों से होते आ रहे संविदाकर्मियों के ईपीएफ और ईएसआइ के घपले के मामले का सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने लिया संज्ञान लिया है।
बुलंदशहर: नगरपालिका में सालों से होते आ रहे संविदाकर्मियों के ईपीएफ और ईएसआइ के घपले के मामले का सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने लिया संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मामले में ठेकेदार को नोटिस भेजकर सात फरवरी तक तलब किया है। उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने 24 जनवरी के अंक में ईपीएफ व ईएसआइ घोटाले की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
पालिका में वर्षों से संविदा के कर्मचारी अलग-अलग विभागों में काम कर रहे हैं। लेकिन इन संविदाकर्मियों के ईपीएफ और ईएसआइ की कटौती नहीं हो रही थी। इसको पालिका ही डकारती जा रही थी। जबकि नियम ये है कि कर्मचारी के खाते में ईपीएफ व ईएसआइ की रकम पहले जाएगी। उसके बाद वेतन उसको मिलेगा। पालिका के अधिकारियों की मिलीभगत से ये सब खेल चलता आ रहा था। बीती 16 जनवरी को शहर के कृष्णानगर निवासी मुनेश कुमार ने मंडलायुक्त को पत्र भेजकर ईपीएफ व ईएसआइ के गबन करने की शिकायती की। इसके बाद 21 जनवरी को पालिका में आयोजित हुई बोर्ड बैठक में सभासद सुनील शर्मा उर्फ टीटू और सभासद ऋषिपाल ¨सह ने मामले को जोर-शोर से उठाया। बोर्ड में ईपीएफ और ईएसआइ के घपले की शिकायत दर्ज कराई गई। जिसको दैनिक जागरण ने 24 जनवरी के अंक में इस घोटाले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद भी पालिका के संबंधित अधिकारी या चेयरमैन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी कर दिया। कोर्ट ने संविदा कर्मियों के ठेकेदार मे. ग्लोबल कांट्रेक्टर प्रथम तल-8 डीएफसी मार्केट स्याना रोड बुलंदशहर के प्रोपराइटर को तलब किया है।
जीएसटी चोरी में तीन ठेकेदार तलब
ईपीएफ और ईएसआइ के साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मे. बुलंद सेल्स एंड सर्विस, मे. कृष्णा मवर्स और मे. मित्तल ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर को भी सात फरवरी को ही कोर्ट में तलब किया है। इन फर्मों पर बिना जीएसटी दिए पालिका को सामान सप्लाई करने का आरोप है। ये सभी फर्म पालिका चेयरमैन मनोज गर्ग के करीबी मित्रों की बताई जाती हैं। चेयरमैन के शपथ लेने के बाद बनी हैं फर्म
नगरपालिका को छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा सामान इन फर्मों द्वारा सप्लाई किया जा रहा है। इसमें से दो फर्म तो चेयरमैन मनोज गर्ग के शपथ लेने के बाद वर्ष 2017 में बनी हैं। फर्म में लगाए गए जीएसटी प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, श्रम विभाग का पंजीयन प्रमाणपत्र, चरित्र प्रमाणपत्र, ईपीएफ प्रमाणपत्र और ईएसआइ प्रमाणपत्र आदि के जारी होने की तिथि में वर्ष 2017 उल्लेखित है।
घपले पर चुप्पी साध गए सभी विधायक व सांसद
शिकायतकर्ता ने ईपीएफ, ईएसआइ और मित्र फर्म से सामान सप्लाई के मामले की शिकायत अफसरों से करने के साथ ही जिले के सभी विधायकों, सांसद डा. भोला ¨सह से भी की थी। लेकिन विधायक और सांसद कार्रवाई कराने के बजाए चुप्पी साध गए।
इन्होंने कहा..
सभी आरोप निराधार हैं। अब से पहले किसी भी फर्म ने ईएसआइ व ईपीएफ संविदाकर्मियों के लिए नहीं कटवाया है। मैंने ही इस मामले को उठाया है। शिकायत करने वाला मुनेश बताएं कि उन्होंने पांच साल तक पालिका की ठेकेदारी में कितना ईएसआइ व ईपीएफ कटवाया है। फर्म को दूसरा भुगतान कराने पर ईपीएफ और ईएसआइ काटा जाएगा। सामान सप्लाई करने वाली फर्म को अभी भुगतान नहीं हुआ है।
- मनोज गर्ग, पालिका चेयरमैन ---- हमारे पहले ईएसआइ व ईपीएफ शर्तों में कोई उल्लेख नहीं था। इसलिए भुगतान नहीं किया गया। अब कर्मचारियों के ठेके सशर्त छोड़े जाते हैं। मुझे कर्मचारियों ने बताया कि ईपीएफ और ईएसआइ जमा नहीं हो रहा। इसके बाद मैंने लड़ाई शुरू की। पालिका ने ध्यान नहीं दिया तो अब सिटी मजिस्ट्रेट ने कर्मचारियों के हक के लिए स्वत: संज्ञान लिया है।
मुनेश कुमार