कांग्रेस और रालोद प्रत्याशी सहित 16 की जमानत जब्त
उपचुनाव के अखाड़े में उतरे सियासी पहलवानों ने दावे चाहे जो किए हो लेकिन परिणामों ने भाजपा छोड़ सभी की हवा निकाल दी। बसपा प्रत्याशी मोहम्मद यूनुस को छोड़ कांग्रेस के सुशील चौधरी और रालोद-सपा के संयुक्त प्रत्याशी प्रवीण सिंह समेत उपचुनाव मैदान में उतरे 1
जेएनएन, बुलंदशहर। उपचुनाव के अखाड़े में उतरे सियासी पहलवानों ने दावे चाहे जो किए हो लेकिन परिणामों ने भाजपा छोड़ सभी की हवा निकाल दी। बसपा प्रत्याशी मोहम्मद यूनुस को छोड़ कांग्रेस के सुशील चौधरी और रालोद-सपा के संयुक्त प्रत्याशी प्रवीण सिंह समेत उपचुनाव मैदान में उतरे 18 में से 16 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को चुनाव का नामांकन करते समय लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 34 (1) ख के अनुसार दस हजार रुपये की जमानत राशि जमा करनी पड़ती है। चुनाव में एक प्रत्याशी विजयी होता है और अन्य हारते हैं। जो प्रत्याशी कुल पड़े वोट का 1/6 भाग से अधिक वोट प्राप्त नहीं कर पाते हैं। उनकी जमानत राशि जब्त होती है। उपचुनाव में कुल 202641 वोट पड़े। इसमें जमानत बचाने के लिए प्रत्याशी को 34 हजार से अधिक वोट की जरुरत है। भाजपा और बसपा को छोड़ दें तो अन्य कोई भी प्रत्याशी जमानत तक नहीं बचा पाए। निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक कांग्रेस, रालोद व सपा के संयुक्त प्रत्याशी के साथ ही असपा के मोहम्मद यामीन, योगेंद्र शंकर शर्मा, आशीष कुमार, उर्मिला देवी, दिलशाद अहमद, धर्मेद्र कुमार, पृथ्वीराज सिंह, महमूद हसन, राहुल भाटी, गीता रानी शर्मा, मों. युनुस, राहुल कुमार, सुमन और संजीव सभी की जमानत राशि जब्त हो गई है।
975 मतदाताओं को पसंद नहीं आया कोई भी प्रत्याशी
बुलंदशहर: सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 975 मतदाताओं को कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं आया। इसलिए इन्होंने ईवीएम में किसी भी दल या प्रत्याशी को वोट देने के बजाए नोटा का बटन दबाया।
नोटा का मतलब नान आफ द एवब यानी इनमें से कोई नहीं है। मतदाताओं को यदि कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं आता है तो मतदाता इस पर अपनी राय दे सकते हैं। इसलिए ही निर्वाचन आयोग ने ईवीएम (इलेक्ट्रोनिक वोटिग मशीन) में नोटा की व्यवस्था की है। मंगलवार को उपचुनाव की मतगणना के प्रत्येक राउंड में नोटा का प्रयोग करने वाले मतदाता सामने आए। पहले राउंड में नोटा का प्रयोग करने वाले 17 मतदाता सामने आए और 28वें राउंड तक नोटा का प्रयोग करने वाले मतदाताओं की संख्या 975 पर पहुंच गई। मतगणना स्थल पर मौजूद निर्दलीय और छोटे दलों के प्रत्याशी ये कहते नजर आए कि कम से कम नोटा वाले हमे ही अपना वोट दे देते। कम से कम हमारी वोटों की संख्या तो बढ़ जाती। अधिकारियों का कहना है कि 2017 के मुकाबले नोटा का प्रयोग करने वाले मतदाताओं की संख्या बढ़ी है।