सर्द मौसम में खुले आसमान के नीचे पढ़ने की मजबूरी
बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के जर्जर भवन तो तुड़वा दिए, लेकिन उनके स्थान पर अन्य भवनों का इंतजाम किया नहीं।
दानपुर : बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के जर्जर भवन तो तुड़वा दिए, लेकिन उनके स्थान पर अन्य भवनों का इंतजाम किया नहीं। इसके चलते ब्लाक क्षेत्र के दर्जनों स्कूलों में बच्चे सर्दी के मौसम में खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर हैं। शिक्षक भी बच्चों के लिए वैकल्पिक इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं।
ब्लाक क्षेत्र में लगभग दो दर्जन विद्यालय जर्जर हालत में थे। हादसों की आशंका व्यक्त करते हुए शासन से नए भवन बनवाने की मांग की थी। शासन ने समस्या पर संज्ञान लेते हुए सभी जर्जर भवनों की नीलामी के आदेश अध्यापकों को दिए। इस पर अध्यापकों ने पिछले माह सभी जर्जर भवनों की नीलामी कर दी। भवनों को तोड़कर उनकी नीलामी को काफी समय हो चुका है, लेकिन शासन से अभी तक नये भवन निर्माण के आदेश नहीं आए हैं। आदेश न आने से शिक्षक परेशान हैं। शिक्षकों का कहना है कि करीब एक दर्जन विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें एक भी कमरा नहीं है। ठंड ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में बच्चों का कहां बैठकर पढ़ाया जाए? कई स्कूलों में एक ही कमरे में कई कक्षाओं के बच्चों को बैठाना पड़ रहा है तो कहीं खुले आसमान के नीचे बच्चे बैठने को मजबूर हैं। तीन विद्यालय अभी भी शिक्षकविहीन
शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में सुधार लाख दावे भर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ब्लाकों में बहुत से विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें अभी तक अध्यापकों की तैनाती नहीं हुई है। शिक्षामित्र जैसे तैसे विद्यालयों की व्यवस्था बनाकर बच्चों को शिक्षा दे रहें है। गांव डिरोरा विश्वनाथपुर और हीरापुर कलां के प्राथमिक विद्यालय तथा वीरपुर का जूनियर विद्यालय शिक्षक विहीन चल रहें हैं। ग्रामीण इन स्कूलों में अध्यापकों की तैनाती के लिए कई बार विभाग से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन विभाग ने अभी तक विद्यालयों में अध्यापकों की तैनाती नहीं की है। इससे ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ रोष व्याप्त है। इन्होंने कहा ..
खंड शिक्षा अधिकारी से बात करके बच्चों के बैठने की अस्थाई व्यवस्था कराई जाएगी। साथ ही शिक्षकविहीन स्कूलों की रिपोर्ट मांग कर शिक्षक तैनात किए जाएंगे।
अम्बरीष कुमार, बीएसए