नारियल का भोग लगा की महागौरी की आराधना
नवरात्र के आठवें दिन मंगलवार को मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी की पूजा विधि-विधान से की गई। महागौरी माता को लाल रंग की पोशाक धारण कराई गई और माता रानी को नारियल का भोग लगाया गया।
बुलंदशहर, जेएनएन। नवरात्र के आठवें दिन मंगलवार को मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी की पूजा विधि-विधान से की गई। महागौरी माता को लाल रंग की पोशाक धारण कराई गई और माता रानी को नारियल का भोग लगाया गया। मंदिर समिति से जुड़े प्रेमप्रकाश अरोरा ने बताया कि सौभाग्य, धन-संपदा, सौंदर्य और नारी सुलभ गुणों की अधिष्ठात्री देवी महागौरी हैं। नवरात्र व्रत के आठवें दिन साधक देवी के इसी रूप की पूजा करते है। महागौरी अष्टांग योग की अधिष्ठात्री भी हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने काली जी पर जब गंगाजल छिड़का, तो वह महागौरी हो गई। महागौरी सृष्टि का आधार हैं और सुहाग की प्रतीक देवी है। महागौरी माता के दर्शन के लिए मंगलवार सुबह से ही काफी संख्या में श्रद्धालु मंदिर के गेट पर पहुंच गए। यहां पर श्रद्धालुओं ने गेट से ही मातारानी के दर्शन किए। उधर कई घरों में कन्या-लांगूर भी जिमाएं गए।
तीन महीने में रिटायर महिला का फंड दे ऊर्जा निगम
बुलंदशहर: ऊर्जा निगम से रिटायर होने के बाद 12 महीने तक नौकरी कराने के बावजूद सभी सुविधाएं न दिए जाने के मामले में रिटायर महिलाकर्मी हाईकोर्ट पहुंच गई। अदालत ने तीन महीने के भीतर महिला का फंड देने के लिए ऊर्जा निगम को आदेश दिया है।
ऊर्जा निगम में काम करने वाली महिला भगवती देवी का नियमानुसार 31 दिसंबर 2018 को रिटायरमेंट था। बावजूद इसके निगम के बाबू ने महिला को तब रिटायर न कर 12 महीने बाद 31 दिसंबर को सेवानिवृत किया। लेकिन वेतन के अलावा इन अतिरिक्त 12 महीनों का फंड उन्हें नहीं दिया गया। मालूमात करने पर भगवती देवी को पता चला कि उनका रिटायरमेंट तो जनवरी 2018 में ही हो गया। महिला ने विभागीय अफसरों से मिल कर शिकायत की लेकिन किसी ने भी एक न सुनी। इसके बाद महिला ने निगम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए ऊर्जा निगम की लापरवाही मानी और अगले तीन महीने में सेवानिवृत महिला को फंड देने का आदेश दिया है। साथ ही संबंधित बाबू के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए लिखा है।