बिन बरसे लौटे बादल, उमस बढ़ी
सावन रिमझिम बारिश के लिए जाना जाता है लेकिन इस सावन बदरा रोज आते हैं और बिना बरसे ही लौट जाते हैं। बादलों की बेरुखी से मौसम में उमस बढ़ रही है। इससे बदन चिपचिपा रहा है।
बुलंदशहर, जेएनएन। सावन रिमझिम बारिश के लिए जाना जाता है, लेकिन इस सावन बदरा रोज आते हैं और बिना बरसे ही लौट जाते हैं। बादलों की बेरुखी से मौसम में उमस बढ़ रही है। इससे बदन चिपचिपा रहा है। परेशान अन्नदाता भी पानी बरसने के इंतजार कर रहे हैं।
सावन की शुरुआत हुई तो दो-तीन दिन रुक-रुक कर बारिश हुई। इसके बाद पूरे सावन माह बादल आसमान में रोज मंडराए, लेकिन बिना बरसे ही लौटे गए। बारिश होती तो धान और गन्ने की फसल को लाभ मिलता। लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को रोज की तरह सुबह बादल मंडराए। दोपहर करीब एक बजे दस मिनट के लिए हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे मौसम में उमस बढ़ गई। दिन का अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बूंदाबांदी शुरू हुई तो ऐसा लगा, कि अच्छा पानी बरसेगा, लेकिन इस बार भी जिले के किसानों को निराशा ही हाथ लगी। बूंदे इतनी कम पड़ी, कि धूल भी न दब सकी। केवीके के मौसमविद् रामानंद पटेल का कहना है कि बादल रोज आ रहे हैं। शुक्रवार और शनिवार को भी बारिश होने की संभावना है। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. राजीव प्रसाद का कहना है कि बारिश में भीगने से बचें। संक्रमक सीजन चल रहा है।