स्कूली बसों एवं अन्य वाहनों के अधिग्रहण की बदली रणनीति
जेएनएन बुलंदशहर चुनाव के लिए निजी बसों के अधिग्रहण के नोटिस भेजने पर संचालकों ने बसों को देने से इन्कार कर दिया। जिसको लेकर प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। अब स्कूली बसों एवं अन्य वाहनों के अधिग्रहण के समय भी ऐसी स्थिति से न जूझना पड़े इसलिए अब प्रशासन ने अपनी रणनीति बदल दी है।
जेएनएन, बुलंदशहर : चुनाव के लिए निजी बसों के अधिग्रहण के नोटिस भेजने पर संचालकों ने बसों को देने से इन्कार कर दिया। जिसको लेकर प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। अब स्कूली बसों एवं अन्य वाहनों के अधिग्रहण के समय भी ऐसी स्थिति से न जूझना पड़े, इसलिए अब प्रशासन ने अपनी रणनीति बदल दी है। जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में इन वाहन चालकों एवं संचालकों के साथ बैठक बुलाकर समाधान तलाशने की कवायद की जा रही है। जिसमें शुक्रवार को स्कूल प्रबंधक, प्रधानाचार्यों सहित शिक्षण संस्थाओं के संचालकों के साथ बैठक बुलाई गई है। जबकि शनिवार को निजी बस यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मंथन किया जाएगा।
बस संचालकों ने हाईकोर्ट के आदेश को बनाया हथियार
दरअसल,29 अप्रैल को जिले में सभी ब्लाकों में एक साथ त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव होना है। चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को पोलिग बूथों पर लेकर जाने और निगरानी में लगाए अफसरों का बोझ उठाने के लिए फिलहाल करीब दो हजार से अधिक वाहनों की आवश्यकता जताई गई है। जिनमें एक हजार कार, बोलेरो, टाटा मैजिक आदि और करीब 1200 बस, मिनी बस शामिल हैं। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से वाहन स्वामियों को वाहनों के अधिग्रहण नोटिस भेजे जा रहे हैं। यह नोटिस मिलने पर जिला बस आपरेटर यूनियन के पदाधिकारी मुखर हो गए। उन्होंने एआरटीओ प्रशासन से मिलकर अधिग्रहण का विरोध जताया। लखनऊ हाईकोर्ट बैंच ने आदेश का हवाला देकर सभी बसों को देने से इन्कार कर दिया।
निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट के साथ किया तलब
जिले में करीब 300 से अधिक स्कूल-कालेजों के पास करीब एक हजार बस, मिनी बस, मैजिक, वैन आदि वाहन हैं। इनमें कुछ स्कूल-कालेजों के पास अपने निजी तो कुछ अनुबंधित वाहन शामिल है। निजी बसों की तरह अब इन स्कूली वाहनों के अधिग्रहण में कोई पेंच न फंसे, इसलिए अफसर इसका समाधान खोजने में जुट गए हैं। शुक्रवार को स्कूल कालेजों के प्रधानाचार्य, प्रबंधक और संचालकों के साथ कलक्ट्रेट सभागार में दोपहर तीन बजे बैठक बुलाई गई है। जिसमें निर्धारित प्रारूप में वाहन संख्या, वाहन का प्रकार, चालक का नाम, सीट क्षमता, ईंधन प्रकार, वाहन इंचार्ज का नाम, मोबाइल नंबर के साथ सूचीबद्ध रिपार्ट के साथ तलब किया है। इसी तरह अगले दिन शनिवार को भी बस आपरेटर यूनियन के पदाधिकारियों को बुलाकर हाईकोर्ट के आदेश पर मंथन किया जाएगा।
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चुनाव ड्यूटी में अन्य वाहनों के साथ स्कूली वाहनों को भी अधिग्रहित किया जाएगा। इसलिए स्कूल-कालेजों के संचालकों के साथ निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक बुलाई है। अगले दिन बस यूनियन के पदाधिकारियों को बुलाया गया है। वह जो मांग कर रहे हैं उस पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
मुहम्मद कय्यूम, एआरटीओ प्रशासन।