वेव शुगर मिल के मालिक, निदेशक व प्रबंधक के खिलाफ रिपोर्ट
जासं, बुलंदशहर : गन्ने का बकाया भुगतान न करना आखिर वेव शुगर मिल को भारी पड़ गया। गन्ना स
बुलंदशहर : गन्ने का बकाया भुगतान न करना आखिर वेव शुगर मिल को भारी पड़ गया। गन्ना समिति के सचिव ने अपर मुख्य सचिव होमगार्ड के आदेश पर मिल के मालिक, निदेशक व मुख्य प्रबंधक के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया है। बीते सप्ताह प्रशासन मिल के कार्यालय में सील लगा चुका है।
अक्टूबर माह में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को आश्वासन दिया था कि नवंबर माह तक सभी मिलें बकाया भुगतान कर देंगी। इसके लिए मिलों को ऋण भी मुहैया कराया जाएगा। इसके बाद भी जो मिल बकाया भुगतान नहीं करेगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिले की तीन शुगर मिलों ने नवंबर माह में ही बकाया भुगतान कर दिया, जबकि वेव ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। किसान बार-बार धरना-प्रदर्शन करने पर उतारु हो गए। माहौल बिगड़ता देख दिसंबर माह में गन्ना आयुक्त ने मिल की आरसी काट दी। मिल को पांच जनवरी तक भुगतान की चेतावनी दी। मिल संचालकों ने इस चेतावनी को भी अनदेखा कर दिया। डीएम के आदेश पर सात जनवरी को एसडीएम सदर ने टीम के साथ मिल के कार्यालयों को सील कर दिया। मिले प्रबंधन ने डीएम से 20 जनवरी तक की मोहलत मांगी। हालांकि अभी 20 जनवरी में चार दिन शेष हैं, लेकिन इससे पहले ही प्रशासन ने कार्रवाई करा दी। इसके चलते सहकारी गन्ना समिति के सचिव पीके ¨सह ने मिल के मालिक मोंटी चढ्ढा, निदेशक डीएस ¨बद्रा और मिल के मुख्य महाप्रबंधक बीएसए चौहान के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है।
24 करोड़ से अधिक का है बकाया
मिल ने पेराई सत्र 2017-18 में मिल ने 6022.75 करोड़ रुपये की कीमत का 10.09 लाख कुंतल गन्ना खरीदा था। इसमें से 4014.57 लाख रुपये का भुगतान कर दिया, जबकि वर्तमान में 20 करोड़ आठ लाख रुपये बकाया है। इस पर ब्याज, गन्ना समिति का कमीशन और कमीशन पर ब्याज आदि जोड़कर 24 करोड़ से अधिक का भुगतान बनता है। बकाया भुगतान के लिए शासन से लेकर प्रशासन तक ने कई बार मिल को नोटिस जारी भी किए थे। जिला गन्ना विभाग तो लगातार ही मिल संचालकों व प्रबंधक से संपर्क करके भुगतान के लिए निर्देश जारी करता ही रहा।
संचालक मिल शुरू करने के मूड में नहीं थे
बसपा सरकार ने साल 2011 में वेव शुगर मिल को 29 करोड़ में बेच दिया था। एक या दो साल चलने के बाद मिल को बंद कर दिया गया। सपा सरकार में भी मिल बंद पड़ी रही। भाजपा की सरकार आई तो किसानों ने मिल में धरना-प्रदर्शन करके पेराई सत्र फिर से शुरू करा दिया। बीते साल दिसंबर के प्रथम सप्ताह में मिल शुरू हुई। इससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई, लेकिन समय-समय पर मिल में अड़चने आती रहीं। वर्तमान सत्र शुरू होने से पहले मिल संचालक पेराई सत्र शुरू करने के मूड में नहीं थे। यही कारण रहा कि उन्होंने मरम्मत कार्य काफी देर से शुरू कराया। मरम्मत कार्य भी प्रशासन के हस्तक्षेप से शुरू हुआ।
इन्होंने कहा..
12 जनवरी को जिले में अपर मुख्य सचिव होमगार्ड व जिले के नोडल अधिकारी कुमार कमलेश ने बैठक में मिल के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। इसके चलते गन्ना समिति के सचिव ने मिल मालिक, निदेशक व मुख्य प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है।
- डीके सैनी, जिला गन्ना अधिकारी, बुलंदशहर।