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हवा में कार्बन 20 और धूल के कण पांच गुना ज्यादा

हवा की रफ्तार में ठहराव होने आसमान में बादल होने के कारण रविवार को दिन भर धुंध छाई रही। हालांकि शनिवार के मुकाबले रविवार को प्रदूषण का एक्यूआइ कम रहा लेकिन धुंध के कारण हवा में कार्बन मोनो आक्साइड की मात्रा सामान्य से 20 गुना और धूल के कण (पीएम कण) पांच गुना ज्यादा रहा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 10:57 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 10:57 PM (IST)
हवा में कार्बन 20 और धूल के कण पांच गुना ज्यादा
हवा में कार्बन 20 और धूल के कण पांच गुना ज्यादा

बुलंदशहर, जेएनएन। हवा की रफ्तार में ठहराव होने आसमान में बादल होने के कारण रविवार को दिन भर धुंध छाई रही। हालांकि शनिवार के मुकाबले रविवार को प्रदूषण का एक्यूआइ कम रहा लेकिन धुंध के कारण हवा में कार्बन मोनो आक्साइड की मात्रा सामान्य से 20 गुना और धूल के कण (पीएम कण) पांच गुना ज्यादा रहा। इस कारण लोगों को सांस लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

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दीपावली के बाद से प्रदूषण बुलंदशहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। प्रदूषण के एक्यूआइ में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। तीन दिन तो ऐसे भी गुजरे, जिनमें जिले की हवा दिल्ली से ज्यादा जहरीली हो गई। रविवार को एक्यूआइ 426 रिकार्ड किया गया। जबकि शनिवार को एक्यूआइ 477 रिकार्ड किया गया था। रविवार को हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड और धूल के कण अधिक रहे। शाम के समय कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर सामान्य से 20 गुना से अधिक जबकि धूल के कण भी पांच गुना ज्यादा तक बढ़ गए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सूचकांक के मुताबिक मौसम में नमी बढ़ने और धूप ने खिलने के कारण प्रदूषण की स्थिति ज्यादा भयानक हो रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक शाम को सात से नौ बजे के बीच प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक होता है।

धुंध से हाईवे पर विजिबिलिटी भी घटी

धुंध के कारण विजिबिलिटी कम होने के कारण हाईवे पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। वाहन चालकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत

दीपावली के बाद से बढ़े प्रदूषण ने रविवार को लोगों की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ा दी। दिन निकलते ही लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई। प्रदूषण से परेशान सांस के मरीज जिला अस्पताल की इमरजेंसी से निजी अस्पताल तक पहुंचे। ओजस आई केयर संचालक एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अखिलेश अग्रवाल का कहना है कि प्रदूषण की धुंध ने आंखों में एलर्जी कर दी। लोगों के क्लीनिक पहुंचने पर रविवार में भी ओपीडी करनी पड़ी। करीब तीन सौ मरीज पहुंचे। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भी आंख दिखाने से सौ से अधिक लोग पहुंचे। छुट्टी का मजा किरकिरा

रविवार को छाई प्रदूषण की धुंध ने छुट्टी का मजा किरकिरा कर दिया। यमुनापुरम निवासी शिक्षक दिनेश शर्मा ने बताया कि छुट्टी के दिन बच्चों को पार्क में घुमाते हैं और बाजार की सैर कराते हैं, लेकिन धुंध के कारण दिनभर घर में कैद रहे। जरूरी काम वाले लोग भी मास्क पहन कर ही निकल रहे हैं।

इन्होंने कहा..

बादल आने, धूप न निकलने और हवा न चलने के कारण वातावरण में धुंध है। शाम के समय प्रदूषण की स्थिति सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। रविवार को एक्यूआइ गिरा लेकिन धुंध बढ़ गई।

-जीएस श्रीवास्तव, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड


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