विद्युत चोरी रोकने के लिए चलाया अभियान, अफरातफरी
जेएनएन बुलंदशहर विद्युत चोरी को रोकने के लिए ऊर्जा निगम की टीम द्वारा अभियान चलाया गया। जिसके तहत टीम ने कई मोहल्लों में जाकर चेकिग की। जिसमें अलग से केबिल डालकर चोरी करने वालों को पकड़ लिया। जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जेएनएन, बुलंदशहर, विद्युत चोरी को रोकने के लिए ऊर्जा निगम की टीम द्वारा अभियान चलाया गया। जिसके तहत टीम ने कई मोहल्लों में जाकर चेकिग की। जिसमें अलग से केबिल डालकर चोरी करने वालों को पकड़ लिया। जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। उधर चेकिग के दौरान मौके पर अफरातफरी का माहौल बना रहा।
गर्मी में विद्युत लाइनों में फाल्ट की समस्या अधिक बन जाती है। जिस कारण अधिक लोड होना भी होना है। जिसको ध्यान में रखते हुए गुरुवार सुबह को ऊर्जा निगम के एसडीओ मनोज कुमार ने विभागीय टीम और पुलिस के साथ चेकिग अभियान की शुरूआत की। अभियान के तहत टीम नगर के मोहल्ला तरीनान, पंजाबियान, पीरजादगान आदि स्थानों पर चेकिग की। इस दौरान उपभोक्ताओं द्वारा बिना संयोजन, अलग से केबिल डालकर व मीटर से पहले केबिल में कट लगाकर 62 लोगों को विद्युत चोरी करते हुए पकड़ लिया। जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही नोटिस आदि के माध्यम से बकाएदारों से राजस्व वसूली सुनिश्चित की जाएगी। ऊर्जा निगम की टीम द्वारा चलाए गए अभियान से मौके पर अफरातफरी का माहौल बना रहा। एसडीओ ने बताया कि लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान टीम में जेई रामानंद सागर, जय प्रकाश, जनार्दन यादव, धर्मेंद्र गुप्ता व लाइन स्टाफ मौजूद रहा।
सफाई कर्मचारियों ने रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शन किया
बुलंदशहर, पालिका शिकारपुर में ठेके प्रथा पर कार्य कर रहे सफाई कर्मचारियों ने अधिशासी अधिकारी एवं ठेकेदार पर लगाए रिश्वत लेने के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। आरोपित है कि कोविड-19 में कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों की जगह नई भर्ती 40-40 हजार रु लेकर करना चाहते हैं। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि
उन्होंने कोरोने जैसी महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य किया । रोजी रोटी के लिए अब उनको धक्के खाना पड़ रहे है। भूखे मरने की नौबत आ गई है। नगरपालिका अधिशासी अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हुए हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सफाई कर्मचारियों ने गुहार लगाते हुए रोजगार की मांग की है। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को भी पत्र लिखकर जानकारी दी जा चुकी है।