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सीएए का विरोध देश विरोधी मानसिकता::आलोक

विश्व हिदू परिषद के अंतर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक ने कहा कि सीएए का विरोध देश विरोधी मानसिकता है। यह विरोध भारत की एकता अखंडता को चुनौती देने का असफल प्रयास किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य हिदू समाज को जगाना संगठित करना और देश का निर्माण का कार्य करना है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 11:04 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 06:08 AM (IST)
सीएए का विरोध देश विरोधी मानसिकता::आलोक
सीएए का विरोध देश विरोधी मानसिकता::आलोक

बुलंदशहर, जेएनएन। विश्व हिदू परिषद के अंतर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक ने कहा कि सीएए का विरोध देश विरोधी मानसिकता है। यह विरोध भारत की एकता अखंडता को चुनौती देने का असफल प्रयास किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य हिदू समाज को जगाना, संगठित करना और देश का निर्माण का कार्य करना है।

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विहिप के जिला कार्यालय पर शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि 1947 में देश में 3.5 करोड़ मुसलमान थे, जोकि आज बढ़कर 25 करोड़ हो गए हैं। बांग्लादेश में 1947 में 12 फीसद मुसलमान था। अब 27 फीसद हो गया, जबकि हिन्दू उस समय 30 फीसद थे, जोकि अब घटकर आठ फीसद ही रह गए हैं। देश की आजादी के समय पाकिस्तान में बीस लाख हिन्दू थे, आज पांच लाख से भी कम हैं। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मुसलमानों की आबादी बढ़कर 50 फीसद तक पहुंच गई है। इनकी बढ़ती आबादी चिता का विषय है। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण बहुत जरुरी है। जनसंख्या नियंत्रण नहीं हुआ तो भविष्य में देश को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। वाल्मीकि बस्ती में संगठन द्वारा आयोजित मिलन कार्यक्रम को उन्होंने सराहा। प्रवीण भाटी, ब्रुनो भूषण, रतन प्रकाश, सुमित कुमार, योगेश राज, विनोद कुमार, राजकुमार, आदेश राघव, संतोष वाल्मीकि, सुरेश गौतम, रतन प्रकाश, हरिशंकर, रामचंद्र गौरव, मनोज शर्मा और तनुज शर्मा आदि मौजूद रहे।


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