पटाखे जलाएं.. सेहत का भी रखें ध्यान
हर साल दीपावली के मौके पर लोग खासकर बच्चे कुछ दिन पहले ही पटाखे जलाने शुरू कर देते हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन: हर साल दीपावली के मौके पर लोग, खासकर बच्चे कुछ दिन पहले ही पटाखे जलाने शुरू कर देते हैं। वर्तमान में मार्केट में आ रहे पटाखे अधिक आवाज वाले और कई तरह की जहरीली गैस से बने हुए आ रहे हैं। यह पटाखे गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो को काफी नुकसान देते हैं। सास के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है। इसलिए दैनिक जागरण की अपील है कि पटाखे ऐसे जलाओ जिससे सेहत को नुकसान न हो और दीपावली का पर्व भी अच्छी तरह से मन जाए। पटाखे बनाने में इन केमिकलों का होता है इस्तेमाल
फिजिशियन डॉक्टर चंद्रप्रकाश बताते है कि पटाखे बनाने में कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल होता है। बता दें कि कैडियम, लेड, मैग्नेशियम, सोडियम, जिक, नाइट्रेट, नाईट्राइट आदि केमिकल का इस्तेमाल पटाखे जलाने में इस्तेमाल होता हे। इन केमिकल से बनने वाले पटाखों की ध्वनि भी 125 डेसिबल से अधिक होती है। जो कानों को भी काफी नुकसान देती है। पटाखों से सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड निकलती है। ग्रीन पटाखों का करें इस्तेमाल
ग्रीन पटाखे राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान की खोज है। इस पटाखे से प्रदूषण तो कम होता ही है। वहीं, जलने पर अधिक नुकसान भी नहीं होता है। जबकि यह पटाखा ध्वनि प्रदूषण भी नहीं करता है। पटाखों से यह हो सकता है सेहत का नुकसान
- 70 डेसिबल से अधिक आवाज के पटाखे बहरा बना सकते है।
- पटाखों से निकलने वाली गैस आंखों और चेहरे के लिए नुकसानदायक है।
- धुएं से अस्थमा और सांस संबंधी बीमारी होना आम बात है।
- केमिकल गैस की मात्रा अधिक होने से श्वसन नली सिकुडने लगती है।
- धुएं से गुर्दे में खराबी और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती है।
- गर्भवती महिला और उसके बच्चे को पटाखों का धुआं नुकसान पहुंचाता है।
- खांसी, फेफड़े, आंख, नाक, गले में इंफेक्शन, हार्ट संबंधी दिक्कते, हाई ब्लड प्रेशर आदि नुकसान होते हैं।
- पटाखे जितना नुकसान लोगों को होता है। उतना ही पक्षियों को भी।
नोट : जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर चंद्रप्रकाश के अनुसार। क्या कहती है प्रदूषण विभाग की रिपोर्ट
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रिय अधिकारी जीएस श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदूषण विभाग की एक रिपोर्ट बताती है कि सामान्य दिनों में 24 घंटे में सल्फर गैस लगभग 10.6 और नाइट्रोजन 9.31 माइक्रो मिली ग्राम प्रति घन मीटर हवा में मौजूद रहती है। दीपावली पर पटाखे जलाने से इनका मात्रा हवा में दोगुनी हो जाती है। जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। पटाखे से जल जाएं तो यह करें उपाए
- जलन के लिए नीम, नारियल का तेल व एलोवेरा और शहद लगाए।
- जलने के बाद घाव को एक साफ कपड़े से पूरा कवर कर ले।
- जलने पर पानी जरूर डाले, बर्फ, मक्खन, घी से सिकाई करे।
- अपने घर पर फर्स्ट एड बॉक्स अपने घर में तैयार रखे।
- यह सब उपचार घर पर देने के बाद तुरंत डॉक्टर के यहां ले जाए।
नोट : जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर चंद्रप्रकाश के अनुसार। पटाखे जलाते समय यह बरते सावधानियां
- पटाखे खुले मैदान में ही जलाएं
- रॉकेट हमेशा ऊपर की ओर ही छोड़े।
- पटाखे जलाते समय सूती पकड़े ही पहने।
- पानी और बालू की मिट्टी अपने पास रखे।
- पटाखे जलाते समय जूते पहने।
- पटाखे जलाते समय बच्चों का ध्यान रखे।