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बुलंदशहर हिंसा : एसआइटी ने बरामद किया इंस्पेक्टर सुबोध का सरकारी मोबाइल

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में जांच कर रही एसआईटी की टीम ने आज तड़के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का सरकारी मोबाइल फोन बरामद किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 11:37 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 12:54 PM (IST)
बुलंदशहर हिंसा : एसआइटी ने बरामद किया इंस्पेक्टर सुबोध का सरकारी मोबाइल
बुलंदशहर हिंसा : एसआइटी ने बरामद किया इंस्पेक्टर सुबोध का सरकारी मोबाइल

बुलंदशहर, जेएनएन। गौवंश के अवशेष मिलने के बाद बुलंदशहर के स्याना भड़की हिंसा में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का सरकारी मोबाइल आज बरामद किया गया है। सरकारी मोबाइल इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की कुल्हाड़ी से हत्या करने के मुख्य आरोपित प्रशांत नट के घर से बरामद किया गया है।इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पिस्टल और उनके दो मोबाइल अभी भी गायब हैं। 

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बुलंदशहर में तीन दिसंबर को भड़की हिंसा और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में जांच कर रही एसआईटी की टीम ने आज तड़के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का सरकारी मोबाइल फोन बरामद किया है। एसआईटी ने सुबोध की हत्या के मुख्य आरोपी प्रशांत नट के घर पर छापा मारकर छह मोबाइल फोन बरामद किया। जिसमें एक मोबाइल मृतक सुबोध कुमार सिंह का बताया जा रहा है। बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी ने इसकी पुष्टि की।

स्याना के महाव गांव के जंगल में गोवंश के अवशेष मिलने पर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास खूनी बवाल हो गया था। हिंसा के दौरान बलवाई कोतवाल की लाइसेंसी पिस्टल व तीन मोबाइल लूट कर ले गए थे, जिसमें सरकारी मोबाइल भी शामिल था। कोतवाल की हत्या के शक में एसआइटी ने 27 दिसंबर को प्रशांत नट पुत्र सुरेंद्र नट निवासी चिंगरावठी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन एसआइटी पिस्टल व मोबाइल बरामद नहीं कर पाई थी। 

आज एसपी सिटी अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशांत नट की गिरफ्तारी के बाद से एसआइटी कोतवाल की लाइसेंसी पिस्टल व मोबाइल बरामद करने का प्रयास कर रही थी। कल एसआइटी को सूचना मिली कि कोतवाल से लूटा गया सरकारी नंबर वाला मोबाइल प्रशांत नट के घर में है। एसआइटी ने न्यायालय से सर्च वारंट लेकर प्रशांत नट के घर की तलाशी ली। तलाशी के दौरान कोतवाल का सीयूजी नंबर वाला मोबाइल बरामद हो गया। सीयूजी नंबर के अलावा एसआइटी ने पांच अन्य मोबाइल भी बरामद किए, जिनके बारे में जांच की जा रही है। एसपी सिटी ने दावा किया कि इंस्पेक्टर का लाइसेंसी पिस्टल व अन्य मोबाइल भी जल्द बरामद कर लिए जाएंगे।

इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और सुमित कुमार नाम के एक युवक की मौत हो गई थी। इस मामले में एसआई सुभाष चंद्र ने 27 नामजद और 50- 60 अज्ञात के खिलाफ स्याना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे। इस हिंसा के 25 दिन बाद पुलिस ने इंस्पेक्टर के हत्यारे प्रशांत नट को गिरफ्तार कर लिया था। प्रशांत नट पर आरोप है कि उसने कुल्हाड़ी के प्रहार से इंस्पेक्टर सुबोध को मरणासन्न किया था।

बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को न सिर्फ गोली मारी गई थी, बल्कि पहले कुल्हाड़ी से उनके सिर पर वार कर बुरी तरह से घायल कर दिया गया था। पुलिस ने 28 दिन बाद इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला करने वाले कलुआ उर्फ राजीव को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक कलुआ ने ही सबसे पहले सुबोध कुमार सिंह पर हमला किया था। कलुआ कुल्हाड़ी से पेड़ की टहनी काट सड़क जाम कर रहा था, इंस्पेक्टर ने रोका तो उसने कुल्हाड़ी से उन पर ही हमला कर दिया। मुख्य आरोपी कलुआ ने पहले इंस्पेक्टर की अंगुलियां काटी फिर कुल्हाड़ी से ही सिर पर कई वार कर दिए। इस हमले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह बुरी तरह घायल हो गए। जख्मी हालत में इंस्पेक्टर जान बचाने खेतों की तरफ भागे तो प्रशांत नट ने उन्हें पकड़कर घुटनों के बल गिरा लिया। इसके बाद नट ने इंस्पेक्टर की ही लाइसेंसी रिवॉल्वर छीनकर उन्हें गोली मार दी।

प्रशांत नट ने अपने साथियों के साथ मिलकर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के शव को उनकी ही सरकारी गाड़ी में डाल कर जलाने की कोशिश की। प्रशांत नट को गिरफ्तार किया गया। प्रशांत ने पुलिस के सामने अपना गुनाह भी क़ुबूल कर लिया। पुलिस ने कलुआ के पास वह कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली है।

बुलंदशहर में भीड़ के हमले में इंस्पेक्टर सुबोध के अलावा एक अन्य युवक की मौत हो गई थी। एसएसपी चौधरी ने यह भी बताया कि इंस्पेक्टर ने आत्मरक्षार्थ गोली चलाई थी, जिसमें सुमित नाम के युवक की मौत हो गई थी। उसकी उम्र 20 वर्ष के करीब थी। बुलंदशहर हिंसा मामले में जिला प्रशासन ने जेल में बंद तीन आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की है। 


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