बुलंदशहर हिंसा : गोकशी के सात आरोपितों में तीन पर रासुका तामील
बुलंदशहर में गोकशी के कारण ही स्याना में खूनी बवाल हुआ था। गत तीन दिसंबर को स्याना के महाव गांव में गोवंशों के अवशेष मिलने को लेकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास खूनी बवाल हो गया था।
बुलंदशहर, जेएनएन। गोकशी के मामले में बुलंदशहर के स्याना में बीते महीने हुई हिंसा पर जांच के साथ धरपकड़ की गति तेज है। इंस्पेक्टर स्याना के साथ एक युवक की मौत के प्रकरण में यहां गोकशी के आरोप में जेल गए तीन आरोपितों पर जेल में रासुका तामील कर दी गई है।
बुलंदशहर में गोकशी के कारण ही स्याना में खूनी बवाल हुआ था। गत तीन दिसंबर को स्याना के महाव गांव में गोवंशों के अवशेष मिलने को लेकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास खूनी बवाल हो गया था, जिसमें गोली लगने से स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी गांव निवासी सुमित की मौत हो गई थी। स्याना बवाल की जांच के लिए गठित एसआइटी ने गोकशी के आरोप में आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इनमें अजहर पुत्र तकी खां निवासी मोहल्ला कैतवाल कस्बा स्याना, नदीम उर्फ नदीनुद्दीन पुत्र बाबू खां उर्फ जहीरुद्दीन व महबूब अली पुत्र अब्दुल मारूफ निवासी चौधरियान मोहल्ला कस्बा स्याना को मुख्य दोषी मानते हुए एसआइटी व पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी थी।
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने आज पुलिस की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए कहा कि उक्त तीनों आरोपितों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर गोकशी जैसी घटना को अंजाम दिया था। इसी कारण स्याना में बवाल हुआ था। उक्त तीनों आरोपित जमानत पर छूटने के लिए प्रयासरत हैं। जमानत पर बाहर आने के बाद उक्त आरोपित गोहत्या जैसी घटनाओं को फिर से अंजाम दे सकते हैं। लिहाजा लोक व्यवस्था को देखते हुए जिला कारागार में बंद उक्त तीनों आरोपितों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के अंतर्गत निरुद्ध किया जाता है।